भोपाल। देश में चीतों के इकलौते रहवास मध्य प्रदेश के कूनो पालपुर नेशनल पार्क में चीतों की संख्या बीते दो वर्ष में बढ़ गई है। वर्तमान में शावकों सहित 24 चीते यहां हैं। हालांकि इसे विशेषज्ञ प्रोजेक्ट की आंशिक सफलता ही मान रहे हैं।
जानकारों के अनुसार, जब तक चीतों की संख्या 500 तक नहीं पहुंचती, तब तक प्रोजेक्ट को पूर्ण सफल नहीं माना जाएगा। इसमें भी 15 वर्ष का समय लग सकता है। विशेषज्ञ यह भी कहते हैं कि अब चीतों का कुनबा तेजी से बढ़ेगा।
चीता का नर शावक करीब एक साल में और मादा शावक डेढ़ साल में वयस्क हो जाते हैं। इन चीता शावकों को प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने की आशा के तौर पर देखा जा रहा है। यहां जन्म लेने वाली एक मादा चीता वयस्क भी हो चुकी है।
दरअसल, इन सभी शावकों के सामने नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाए गए चीतों की तरह जलवायु अनुकूलता न होने जैसी चुनौती नहीं है। ये सभी यहां की जलवायु में पूरी तरह से रचे-बसे होने के साथ बड़े हो रहे हैं।
इसी के साथ कूनो वन्यप्राणी वनमंडल श्योपुर के क्षेत्रफल को नए इलाके शामिल कर बढ़ा दिया गया है। अब कूनो का कुल वन क्षेत्र एक लाख 77 हजार 761 हेक्टेयर हो गया है।
दो चीतों को कूनो के खुले जंगल में छोड़ने से पूर्व चीता स्टीयरिंग कमेटी की बैठक होगी। नर चीता अग्नि और वायु को छोड़ा जाएगा। अगले चरण में प्रभाष और पावक को छोड़े जाने की तैयारी है। अब खुले जंगल में पर्यटक चीतों की झलक देख सकेंगे।