चुनाव आयोग ने 22 मई को कांग्रेस अध्यक्ष को नोटिस भेजा है। जिसमें निर्देश दिया है कि उनकी पार्टी अग्निवीर योजना जैसे मामलों पर सेना का राजनीतिकरण न करे। इस निर्देश के एक दिन बाद सीनियर कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि चुनाव आयोग का यह निर्देश गलत है।
सोशल मीडिया X पर एक पोस्ट में उन्होंने लिखा- एक नागरिक के तौर पर यह कहना मेरा अधिकार है कि चुनाव आयोग का कांग्रेस को अग्निवीर योजना का राजनीतिकरण न करने का निर्देश देना गलत है। राजनीतिकरण का क्या मतलब है? क्या ECI का मतलब आलोचना है।
EC ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को भी नोटिस भेजा है। आयोग ने दोनों पार्टियों के अध्यक्षों और स्टार प्रचारकों से अपने भाषण को सही करने, सावधानी बरतने और मर्यादा बनाए रखने के लिए कहा है।
कांग्रेस अध्यक्ष को ये निर्देश भी दिया
दरअसल, लोकसभा चुनाव में प्रचार के दौरान राहुल गांधी समेत कांग्रेस के नेता अपने भाषणों में संविधान बचाने और अग्निवीर स्कीम का बार-बार जिक्र कर रहे हैं। इसलिए चुनाव आयोग ने कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे को नोटिस भेजा है। जिसमें यह भी कहा है कि वह संविधान को लेकर गलत बयानबाजी न करे, जैसे कि भारत के संविधान को खत्म किया जा सकता है या बेचा जा सकता है।
25 अप्रैल को भी EC ने भाजपा-कांग्रेस को नोटिस दिया था
25 अप्रैल को चुनाव आयोग के पोल पैनल ने कांग्रेस और भाजपा की एक-दूसरे के खिलाफ की गई शिकायतों के आधार पर दोनों पार्टियों के अध्यक्षों को नोटिस जारी किया था। यह नोटिस आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायतों पर लोक प्रतिनिधित्व कानून 1951 के सेक्शन 77 के तहत इश्यू किया गया था।
यह पहली बार हुआ, जब आयोग ने स्टार प्रचारक की जगह पार्टी अध्यक्षों को नोटिस जारी किया गया। PM नरेंद्र मोदी भाजपा और राहुल गांधी कांग्रेस के स्टार प्रचारक हैं। इस लिहाज से इनके भाषणों के लिए EC ने पार्टी अध्यक्षों को जिम्मेदार माना।
चुनाव आयोग से PM मोदी और राहुल गांधी के भाषण में आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत की गई थी। शिकायत में कहा गया कि ये लीडर्स धर्म, जाति, समुदाय और भाषा के आधार पर लोगों को बांटने और नफरत फैलाने का काम कर रहे हैं।