पटना । मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि राज्य में शराब न आने देंगे और न किसी को पीने देंगे, इसी मानसिकता के साथ काम करते हुए इसे सुनिश्चित करें। जो भी सरकारी अधिकारी, कर्मचारी गड़बड़ी करते हैं तो उन पर सख्त-से-सख्त कार्रवाई करें। साथ ही शराब के धंधे और इसके सेवन में लिप्त व्यक्ति पर कठोरता से कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि विधि-व्यवस्था एवं अपराध नियंत्रण के लिए हर हालत में काम करना है। साथ ही शराबबंदी के नियंत्रण के लिए भी उतनी ही मुस्तैदी के साथ काम करना है।
पटना राजधानी है। यहां विशेष सतर्कता बरतें। कॉल सेंटर में सूचना देने वालों की गोपनीयता बरकरार रखें और इसका बेहतर क्रियान्वयन करें। बॉर्डर एरिया में शराब सप्लाई के रूट्स की पहचान करें और लगातार छापेमारी करें। जिलों के प्रभारी मंत्री और प्रभारी सचिव महीने में एक बार जिलों के विकास कार्यों की समीक्षा करने के साथ-साथ शराबबंदी के क्रियान्वयन की भी समीक्षा करें। मद्य निषेध को लेकर गांधी जी के विचारों का व्यापक प्रचार-प्रसार करें। शराब के सेवन से होने वाले नुकसान के बारे में लोगों को बतायें।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि नीरा उपयोगी है। इसका न सिर्फ स्वाद अच्छा है, बल्कि यह स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है। इससे लोगों की आमदनी भी बढ़ेगी और रोजगार भी मिलेगा। नीरा के उत्पादन को फिर से शुरू करायें। सतत् जीविकोपार्जन योजना के तहत लाभार्थियों की सही पहचान कर उन्हें इसका लाभ दिलाएं।
मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक में उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, उपमुख्यमंत्री रेणु देवी, ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी, मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन मंत्री सुनील कुमार, उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन, जल संसाधन मंत्री संजय झा, भवन निर्माण मंत्री अशोक कुमार चौधरी, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे समेत तमाम मंत्रीगण और राज्य सरकार के आलाधिकारी उपस्थित थे। जिलों से डीएम-एसपी वीडियो कांफ्रेंसिंग से जुड़े हुए थे।