नई दिल्ली । पंजाब कांग्रेस में चल रहे घमासान को लेकर कांग्रेस का सब्र अब जवाब देने लगा है। विधानसभा चुनाव की तैयारियों के लिए कांग्रेस अनुशासन को सख्ती से लागू करने की तैयारी कर रही है। इसलिए, कांग्रेस अब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को और वक्त देने के मूड में नहीं है। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि विधानसभा चुनाव में ज्यादा वक्त नहीं है। ऐसे में सिद्धू को वक्त की नजाकत और अपनी जिम्मेदारियों को समझना होगा। सिद्धू अपनी जिम्मेदारियों को नहीं निभाकर अपनी सरकार को घेरते हैं, तो इसे नजरअंदाज नहीं किया सकता। पंजाब कांग्रेस के एक नेता के मुताबिक, नवजोत सिंह सिद्धू सिर्फ अपने बारे में सोच रहे हैं। उन्हें पार्टी से ज्यादा अपनी छवि की चिंता है। ऐसे में एक व्यक्ति की छवि के लिए पूरी पार्टी को दांव पर नहीं लगाया जा सकता। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पार्टी के वादों को काफी हद तक पूरा कर रहे हैं।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात के बाद प्रदेश अध्यक्ष पद से त्यागपत्र वापस लेने के वादे के बावजूद सिद्धू का पार्टी अध्यक्ष को पत्र लिखना दबाव की रणनीति है। पार्टी नेता मानते हैं कि सिद्धू पार्टी पर दबाव बनाए रखना चाहते हैं, ताकि चन्नी का कद न बढ़ पाए। इसके साथ सिद्धू की कोशिश है कि विधानसभा चुनाव में ज्यादा से ज्यादा अपने भरोसेमंद लोगों को टिकट दिलाया जाए। कांग्रेस जीतती है, तो ज्यादा विधायकों के समर्थन की बुनियाद पर मुख्यमंत्री बनने की संभावना बरकरार रहे। ऐसे में पार्टी अब उन्हें बहुत ज्यादा छूट देने के हक में नहीं है। पार्टी नेता ने कहा कि सिद्धू की बयानबाजी इसी तरह जारी रही, तो चुनाव में पार्टी को नुकसान हो सकता है। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सबसे ज्यादा 77 सीट जीती थीं। इसलिए, पार्टी को अपना प्रदर्शन दोहराने के लिए एकजुट होकर चुनाव में उतरना होगा।