भोपाल । मध्य प्रदेश में जब से भाजपा की सरकार आई है, कृषि घाटे का सौदा हो गई है। किसानों को न तो उपज का उचित मूल्य मिल रहा है और न ही प्राकृतिक आपदा से नुकसान होने पर फसल का बीमा। किसानों की आय दोगुनी करने का सरकार का दावा खोखला साबित हो रहा है। यह आरोप मध्य प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी ने गुरुवार को सरकार पर लगाया। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में पत्रकारवार्ता के दौरान पटवारी ने कहा कि भाजपा की सरकार आने के बाद प्रदेश के ऊपर लगातार कर्ज का बोझ बढ़ता जा रहा है। कर्ज विकास के नाम पर लिया जा रहा है लेकिन मुख्यमंत्री स्वयं कहते हैं कि मंत्रालय से जो तस्वीर दिखाई जाती है वह जमीन पर नजर नहीं आती। ऐसे में सवाल उठता है कि फिर प्रदेश की जनता को क्यों कर्जदार बनाया जा रहा है। सरकार कृषि क्षेत्र में उन्नति की बात तो करती है पर यह नहीं बताती कि किसान की वास्तविक हालत क्या है।
उन्होंने कहा कि किसानों ने नौ हजार से लेकर 15 हजार रुपये
प्रति क्विंटल का बीज लेकर सोयाबीन बोया पर अधिकांश जगह फसल अफलन का शिकार हो गई। राजस्व और कृषि विभाग ने सर्वे तक नहीं कराया। बिजली के बिल दोगुने आ रहे हैं। आलू की उपज को मूल्य नहीं मिल रहा है। सरकार अब भावांतर क्यों नहीं दे रही है। कृषि विभाग में 14 हजार से
ज्यादा पद खाली हैं। ऐसे में कृषि क्षेत्र और किसान की उन्नाति कैसे होगी। सरकार यह क्यों नहीं बताती कि कर्ज माफी कब होगी।
पटवारी के अनुसार भूमि अधिग्रहण कानून के प्रविधानों के अनुसार किसानों को मुआवजा नहीं दिया जा रहा है। वर्ष 2019 का फसल
बीमा अब तक किसानों को नहीं दिया गया है। पटवारी ने कहा कि प्रदेश के ऊपर इतना कर्ज हो चुका है कि सालाना 18 हजार करोड़
रुपये तो किस्त चुकाने में ही जा रहे हैं। प्रति व्यक्ति के ऊपर 35 हजार रुपये
का कर्ज चढ़ चुका है।