कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पर भूमि घोटाले का आरोप लगा है। दरअसल कर्नाटक इंडस्ट्रियल एरिया डेवलेपमेंट बोर्ड (KIADB) ने सिद्धार्थ विहार ट्रस्ट को बेंगलुरु के पास हाई-टेक डिफेंस एयरोस्पेस पार्क में पांच एकड़ जमीन एलॉट की है।
सिद्धार्थ विहार ट्रस्ट को खड़गे और उनका परिवार चलाता है। इस ट्रस्ट में मल्लिकार्जुन खड़गे, उनकी पत्नी राधाबाई, बेटा प्रियांक खड़गे, दामाद राधाकृष्ण दोड्डामणि और छोटा बेटा राहुल खड़गे शामिल हैं।
बीजेपी ने आरोप लगाया कि, खड़गे ने राज्य में सत्ता का दुरुपयोग करके यह जमीन हासिल की है। इस घोटाले की सीबीआई जांच होनी चाहिए। हालांकि CM सिद्धारमैया ने इन आरोपों को नकार दिया।
सिद्धारमैया बोले- खड़गे का ट्रस्ट इसके योग्य, नियम के तहत काम किया
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भूमि आवंटन का बचाव करते हुए कहा, 'यह कानून के अनुसार किया गया है। उनका ट्रस्ट योग्य है, इसलिए हमने ऐसा किया है। उन्होंने भाजपा के पिछले फैसलों पर सवाल उठाते हुए पूछा, 'भाजपा ने (सत्ता में रहते हुए) चाणक्य विश्वविद्यालय के लिए जमीन कैसे आवंटित की? हमने इसे कानून के अनुसार किया है।'
प्रियांक खड़गे बोले- जमीन खरीदना कब से अवैध हो गया
कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियांक खड़गे ने कहा, 'यहां हम सीए साइट खरीद रहे हैं, हमने कोई सब्सिडी या भुगतान में देरी या कोई अवैध चीज नहीं मांगी है। इसमें अवैध क्या है? मुझे समझ में नहीं आ रहा है।' उन्होंने भाजपा पर मुख्यमंत्री और मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम लेकर मुद्दे का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया।
कर्नाटक CM के खिलाफ भ्रष्टाचार मामले में केस चलेगा: राज्यपाल ने मंजूरी दी
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ जमीन से जुड़े भ्रष्टाचार मामले में केस चलेगा। राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने शनिवार (17 अगस्त) को इसकी आधिकारिक अनुमति दे दी है। सिद्धारमैया पर मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) की जमीन के मुआवजे के लिए फर्जी दस्तावेज लगाने का आरोप है। 26 जुलाई को राज्यपाल ने नोटिस जारी कर CM से 7 दिन में जवाब मांगा था। 1 अगस्त को कर्नाटक सरकार ने राज्यपाल को नोटिस वापस लेने की सलाह दी और उन पर संवैधानिक शक्तियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया।