नई दिल्ली । कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के 50 साल पूरा होने के मौके पर बुधवार को भारतीय सेना के शौर्य को सलाम किया और उस ऐतिहासिक विजय के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के राजनीतिक नेतृत्व को याद किया। मुख्य विपक्षी पार्टी ने बांग्लादेश के विजय दिवस की पूर्वसंध्या पर यहां एक कार्यक्रम का आयोजन किया जिसमें कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी, कांग्रेस के कई अन्य नेता और सेना के पूर्व अधिकारी शामिल हुए।
बांग्लादेश मुक्ति संग्राम की 50वीं वर्षगांठ के मौके पर सोनिया गांधी ने कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय सेना की ऐतिहासिक विजय भारत की राजनीतिक, कूटनीतिक और सैन्य अभियान के मिलुजुले प्रयास का परिणाम था। उन्होंने भारतीय सेना और उस वक्त सैन्य नेतृत्व की भी सराहना की और इस युद्ध दिखाए गए उनके शौर्य को सलाम किया। सोनिया गांधी ने कहा हम इंदिरा गांधी को बहुत ही गर्व के साथ याद करते हैं।
वह अपने साहस और संयम के कारण आज भी करोड़ों भारतीय नागिरकों के लिए प्रेरणा बनी हुई हैं...उन्होंने पूरे विश्व समुदाय को बांग्लादेश के लोगों के मकसद के बारे में संवेदनशील बनाया।'' सोनिया ने यह भी कहा कि 1971 इंदिरा गांधी के लिए सबसे अच्छा साल था। उनके मुताबिक, 50 साल पहले बांग्लादेश के बहादुर लोगों ने अपने आप को एक नया भविष्य दिया। भारत उनके साथ खड़ा रहा और यहां एक करोड़ शरणार्थियों ने शरण ली। बांग्लादेश के स्वतंत्रता सेनानियों को याद किया जाना चाहिए।
सोनिया गांधी ने बांग्लादेश के साथ भारत के गर्मजोशी भरे रिश्तों को भी याद किया। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने बंगलादेश की आजादी की लड़ाई लड़ी है, उन्हें याद करना और बंगलादेश को आजाद कराने में अहम भूमिका निभाने वाली इंदिरा गांधी के अहम योगदान का स्मरण आवश्यक है। इंदिरा जी ने अपने साहस और दूरदृष्टि के बल पर दुनिया की परवाह किए बिना बंगलादेश की मुक्ति की लड़ाई लड़ी और इसके लिए पूरा देश उन्हें गर्व और सम्मान के साथ याद करता है। सोनिया ने कहा कि पूरी दुनिया ने भारतीय सेना की सूझ-बूझ और वीरता को नमन किया था।