नई दिल्ली । प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के तहत 2020-21 के फसल वर्ष में इससे पिछले साल की तुलना में किसानों के फसल बीमा दावे 60 प्रतिशत घटकर 9,570 करोड़ रुपए रह गए। इसकी वजह यह है कि साल के दौरान प्रमुख फसलों को कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ। हालांकि, 2020-21 और 2019-20 के फसल वर्ष के लिए सरकार ने ज्यादातर फसल बीमा दावों का निपटान कर दिया है। 2019-20 के फसल वर्ष में फसल बीमा दावे 27,398 करोड़ रुपए रहे थे।
पुरानी फसल बीमा योजनाओं में सुधार के साथ पीएमएफबीवाई की शुरुआत 2016-17 में हुई थी। इस योजना के परिचालन दिशानिर्देशों में रबी 2018 और खरीफ 2020 में संशोधन किया गया था। इसका मकसद किसानों तक योजना का लाभ उचित तरीके से समय पर पहुंचाना था। आंकड़ों के अनुसार 2020-21 में 612 लाख किसानों ने 445 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि का बीमा कराया। इसके तहत बीमित राशि 1,93,767 करोड़ रुपए थी। साल 2020-21 में कुल दावे 9,570 करोड़ रुपए रहे। खरीफ सत्र के लिए बीमा दावे 6,779 करोड़ रुपए और रबी सत्र के लिए 2,792 करोड़ रुपए रहे। कृषि मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि 2020-21 में 9,570 करोड़ रुपए के बीमा दावे उल्लेखनीय रूप से काफी कम रहे। इसकी वजह यह है कि साल के दौरान प्रमुख फसलों का कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ।
इस दौरान सबसे अधिक 3,602 करोड़ रुपए के फसल बीमा दावे राजस्थान से आए। उसके बाद 1,232 करोड़ रुपए के साथ महाराष्ट्र दूसरे और 1,112.8 करोड़ रुपए के साथ हरियाणा तीसरे स्थान पर रहा। फसल वर्ष 2019-20 में 613 लाख किसानों ने 501 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि का बीमा कराया था। इसमें बीमित राशि 2,19,226 करोड़ रुपए थी। फसल वर्ष 2019-20 में खरीफ सत्र में 21,496 करोड़ रुपए के बीमा दावे आए। वहीं रबी सत्र के लिए यह आंकड़ा 5,902 करोड़ रुपए रहा। फसल वर्ष 2019-20 में सबसे अधिक 6,757 करोड़ रुपए के बीमा दावे महाराष्ट्र से आए। उसके बाद 5,992 करोड़ रुपए के साथ महाराष्ट्र दूसरे और 4,921 करोड़ रुपए के साथ राजस्थान तीसरे स्थान पर रहा।