मुंबई । वैश्विक बाजार में कच्चा तेल सात साल के बाद पहली बार 90 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गया। क्रूड ऑयल की कीमत अक्टूबर 2014 के बाद सबसे ज्यादा है। इसके बावजूद घरेलू बाजार में पिछले 86 दिनों से पेट्रोल-डीजल की कीमत में किसी तरह का बदलाव नहीं हुआ है।
कंपनियों का कहना है कि पांच राज्यों में अभी विधानसभा चुनाव होने जा रहा है। ऐसे में जब तक चुनाव समाप्त नहीं हो जाते, पेट्रोल-डीजल के भाव में बदलाव की संभावना नहीं है। मार्च तक चुनाव का दौर चलता रहेगा। वैश्विक बाजार में कच्चे तेल का भाव बढ़ने के दो प्रमुख कारण हैं।
यूक्रेन को लेकर एक तरफ रूस है और दूसरी तरफ वेस्टर्न देश हैं। रूस ने यूक्रेन की सीमा पर बड़ी संख्या में अपने सैनिकों को लगा दिया है। अमेरिका इसका विरोध कर रहा है। उसका कहना है कि अगर रूस किसी तरह की कार्रवाई करता है तो उसके खिलाफ सैंक्शन लगाए जाएंगे। इसके अलावा मिडिल ईस्ट देशों की तरफ से उत्पादन नहीं बढ़ाया जा रहा है।