पश्चिम बंगाल के गवर्नर सीवी आनंद बोस ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ मानहानि का केस किया है। कलकत्ता हाईकोर्ट 10 जुलाई को इस पर सुनवाई करेगा। बोस ने 28 जून को यह केस दर्ज किया था।
दरअसल, 27 जून को ममता बनर्जी ने दावा किया था कि कुछ महिलाओं ने उनसे शिकायत की है कि वे राजभवन जाने से डरती हैं। इस पर गवर्नर बोस ने कहा था- किसी भी जनप्रतिनिधि से यह अपेक्षा की जाती है कि वे गलत और निंदनीय धारणाएं न पैदा करें।
राज्यपाल-सीएम में लंबे समय से खींचतान चल रही है। ममता की टिप्पणी राजभवन की एक संविदा महिला कर्मचारी के 2 मई को बोस के खिलाफ लगाए गए छेड़छाड़ के आरोप के बारे में थी। हालांकि कोलकाता पुलिस इसकी जांच कर रही है।
दोनों पक्षों से जुड़े मीडिया संगठनों को भी बुलाया
4 जुलाई को सुनवाई के दौरान जस्टिस राव ने कहा था कि मुकदमा मीडिया रिपोर्टों के आधार पर दायर किया गया था, उन्होंने बताया कि प्रकाशनों को मामले में पार्टी नहीं बनाया गया है। इसके बाद सुनवाई 10 जुलाई तक के लिए टाल दी थी। उन्होंने राज्यपाल की तरफ से पेश हुए डिप्टी सॉलिसिटर जनरल धीरज त्रिवेदी से कहा था कि वे मामले में दोनों पक्षों से जुड़े मीडिया संगठनों को भी सुनवाई शुरू होने से पहले कोर्ट में पेश कराएं।
गवर्नर बोस के खिलाफ यौन उत्पीड़न के दो केस
पहला केस: राज्यपाल सीवी आनंद बोस पर राजभवन की महिला कर्मी ने 2 मई को यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया। उसने मामले को लेकर हरे स्ट्रीट थाने में लिखित शिकायत दी। न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, महिला का आरोप है कि वो 24 मार्च को स्थायी नौकरी का निवेदन लेकर राज्यपाल के पास गई थी। तब राज्यपाल ने बदसलूकी की। गुरुवार को फिर यही हुआ तो वह राजभवन के बाहर तैनात पुलिस अधिकारी के पास शिकायत लेकर गई।
दूसरा केस: राज्यपाल बोस के खिलाफ सेक्शुअल हैरेसमेंट का एक और केस सामने आया है। उन पर एक ओडिसी क्लासिकल डांसर ने दिल्ली के एक 5 स्टार होटल में यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया। शिकायत अक्टूबर 2023 में दर्ज कराई गई थी।न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, बंगाल पुलिस ने पिछले हफ्ते राज्य सरकार को जांच रिपोर्ट सौंपी है। 14 मई को मामला सामने आया है। ओडिसी डांसर ने अपनी शिकायत में बताया है कि वह विदेश यात्रा से जुड़ी दिक्कतों को लेकर राज्यपाल से मदद मांगने गई थी।
जांच रिपोर्ट में क्या
जांच रिपोर्ट में दावा किया गया है कि CCTV फुटेज में राज्यपाल के होटल में एंट्री और एग्जिट का समय और महिला ने अपनी शिकायत में जो समय बताया है, वह एक है।
हालांकि, ओडिसी डांसर ने यह नहीं बताया कि उसने 10 महीने बीतने के बाद अक्टूबर में शिकायत क्यों दर्ज कराई। पूरे मामले पर सीवी बोस या राजभवन की तरफ से कोई जवाब नहीं आया है।
राज्यपाल बोले- मुझे बदनाम करने की साजिश
राज्यपाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर महिला के आरोपों का खंडन किया है। उन्होंने कहा, 'ये मुझे बदनाम करने की साजिश है। मेरे ऊपर बेबुनियाद आरोप लगाए गए हैं। सत्य की जीत होगी। उन्होंने आगे कहा कि मैं बनावटी नरेटिव से डरने वाला नहीं। कोई मुझे बदनाम करके चुनावी फायदा चाहता है तो भगवान भला करे। मैं भ्रष्टाचार-हिंसा के खिलाफ लड़ाई नहीं रोक सकता।'