दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने बुधवार को केजरीवाल की अंतरिम जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि केजरीवाल ने लोकसभा चुनाव के दौरान जमकर प्रचार किया है। इसका मतलब वे गंभीर बीमारी से पीड़ित नहीं हैं।
दरअसल, केजरीवाल ने मेडिकल ग्राउंड पर 7 दिन की अंतरिम जमानत की मांग की थी। सुनवाई करते हुए जज कावेरी बवेजा ने कहा- केजरीवाल को टाइप-2 डायबिटीज है। यह इतनी गंभीर बीमारी नहीं है कि उन्हें जमानत दे दी जाए।
केजरीवाल ने प्रचार दौरान कई बैठकें की हैं। कई कार्यक्रमों में भाग लिया। कई जनसभाएं कीं। इससे संकेत मिलता है कि वे किसी भी जानलेवा बीमारी से पीड़ित नहीं हैं। याचिका में कहा गया है कि बीमारी के कारण उन्हें जमानत मिलनी चाहिए, लेकिन जमानत के लिए यह वैध आधार नहीं है।
कोर्ट ने कहा कि मेडिकल ग्राउंड पर जमानत देने के मामलों को सावधानी से डील करना चाहिए। कोई भी जनरल बीमारी आरोपी के जमानत का आधार नहीं बन सकती। केजरीवाल के टेस्ट कस्टडी के दौरान भी कराए जा सकते हैं। कोर्ट में ED का पक्ष ASG एसवी राजू ने रखा। वहीं, केजरीवाल की ओर से वरिष्ठ वकील एन हरिहरन पेश हुए।
केजरीवाल को 21 मार्च को अरेस्ट किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को उन्हें अंतरिम जमानत दी थी। जमानत पर 21 दिन बाहर रहने के बाद 2 जून की शाम 5 बजे केजरीवाल ने तिहाड़ में सरेंडर किया था।
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ASG राजू: CM 10 मई से 1 जून तक अंतरिम जमानत अवधि के दौरान ये सभी टेस्ट करा सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। न्यायिक हिरासत के दौरान केजरीवाल रेफरल अस्पताल में जेल अधिकारियों की मौजूदगी में टेस्ट करवा सकते हैं।
हरिहरन: CM ने अंतरिम जमानत के 21 दिन का उपयोग चुनाव प्रचार के लिए किया था। उन्हें प्रचार के लिए ही अंतरिम जमानत मिली थी। केजरीवाल के पास केवल घर पर जांच कराने का समय था। 25 मई को एक वरिष्ठ डॉक्टर ने उन्हें कई टेस्ट कराने की सलाह दी। इनमें इकोकार्डियोग्राम और 72 घंटे का होल्टर टेस्ट भी शामिल है। इन टेस्ट के लिए 5-7 का समय लगेगा। इसलिए 7 दिन की अंतरिम जमानत की मांग की गई थी।
ASG राजू: इको और होल्टर टेस्ट आम तौर पर हार्ट संबंधी बीमारियों के लिए किए जाते हैं, न कि डायबिटीज के लिए।
हरिहरन: संविधान के आर्टिकल 21 में हर भारतीय को जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा की गारंटी है। किसी व्यक्ति को अपनी पसंद का इलाज कराने का अधिकार की बात भी इसी आर्टिकल में है।
ASG राजू: केजरीवाल के आचरण से यह साबित होता है कि उन्हें मेडिकल ग्राउंड पर स्पेशल ट्रीटमेंट की जरूरत नहीं है। जेल में उपलब्ध मेडिकल ट्रीटमेंट उनके स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त होगी। केजरीवाल दावा करते हैं कि उनकी यूरीन में कीटोन का लेवल बढ़ा हुआ है। उनकी किडनी में दिक्कत है। किटोन लेवल बढ़ने का मतलब हो सकता है कि यूरिनरी टैक्ट इंफेक्शन हो। जरूरी नहीं कि उन्हें किडनी संबंधित बीमारी है। केजरीवाल का वजन घटने का दावा भी झूठा है।
केजरीवाल ने कहा था- पता नहीं कब बाहर आऊंगा
केजरीवाल ने 2 जून को सरेंडर के पहले AAP कार्यकर्ताओं को संबोधित किया था। उन्होंने कहा था कि मैं देश बचाने के लिए जेल जा रहा हूं। मुझे नहीं पता कब वापस आऊंगा। वहां मेरे साथ क्या-क्या होगा, मुझे नहीं पता।
सुप्रीम कोर्ट ने मुझे चुनाव प्रचार के लिए 21 दिनों की जमानत दी थी। मैं इसके लिए सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद देना चाहता हूं। आज, मैं फिर से तिहाड़ जेल जा रहा हूं। मैंने इन 21 दिनों में एक मिनट भी बर्बाद नहीं किया।
उन्होंने आगे कहा था कि मेरे लिए AAP महत्वपूर्ण नहीं है, हमारे लिए देश महत्वपूर्ण है। मैं दिल्ली के लोगों से कहना चाहता हूं कि मैंने घोटाला किया है। मैं फिर से जेल जा रहा हूं, क्योंकि मैंने तानाशाही के खिलाफ आवाज उठाई है।