दिल्ली हाईकोर्ट सोमवार (29 जुलाई) को अरविंद केजरीवाल की CBI की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका और अंतरिम जमानत की याचिका पर फैसला सुनाएगा।
17 जुलाई को कोर्ट ने दोनों पर फैसला सुरक्षित रखा था। इधर, CBI ने केजरीवाल के खिलाफ स्पेशल CBI कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है।
दिल्ली शराब नीति से जुड़े भ्रष्टाचार केस में 25 जुलाई को राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई हुई थी। इसमें कोर्ट ने केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 8 अगस्त तक बढ़ा दी थी।
वहीं, ED के मनी लॉन्ड्रिंग केस में भी केजरीवाल 31 जुलाई तक जेल में ही हैं। ED ने उन्हें 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। उसके बाद राऊज एवेन्यू कोर्ट ने उन्हें कस्टडी में भेज दिया था।
CBI ने केजरीवाल को 26 जून को अरेस्ट किया था। कोर्ट ने केजरीवाल के अलावा मनीष सिसोदिया, BRS नेता के कविता समेत बाकी आरोपियों की न्यायिक हिरासत भी 31 जुलाई तक बढ़ाई है।
12 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को जमानत दी थी
अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने 12 जुलाई को अंतरिम जमानत दी थी। जस्टिस संजीव खन्ना ने जमानत देते हुए कहा था कि केजरीवाल 90 दिन से जेल में हैं। इसलिए उन्हें रिहा किए जाने का निर्देश देते हैं। हम जानते हैं कि वह चुने हुए नेता हैं और ये उन्हें तय करना है कि वे मुख्यमंत्री बने रहना चाहते हैं या नहीं।
जस्टिस खन्ना ने कहा था कि हम ये मामला बड़ी बेंच को ट्रांसफर कर रहे हैं। गिरफ्तारी की पॉलिसी क्या है, इसका आधार क्या है। इसके लिए हमने ऐसे 3 सवाल भी तैयार किए हैं। बड़ी बेंच अगर चाहे तो केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर बदलाव कर सकती है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद भी अभी तक उनकी तरफ से बेल बॉन्ड नहीं भरा गया है।
ED ने 9 जुलाई को शराब नीति केस में 7वीं सप्लिमेंट्री चार्जशीट दाखिल की
9 जुलाई को ED ने दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में सातवीं सप्लिमेंट्री चार्जशीट पेश की थी। 208 पेज की इस चार्जशीट में दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल को केस का सरगना और साजिशकर्ता बताया गया है। चार्जशीट में कहा गया कि स्कैम से मिला पैसा आम आदमी पार्टी पर खर्च हुआ है।
ED ने चार्जशीट में कहा है कि केजरीवाल ने 2022 में हुए गोवा चुनाव में AAP के चुनाव अभियान में यह पैसा खर्च किया। दावा किया गया है कि केजरीवाल ने शराब बेचने के कॉन्ट्रेक्ट के लिए साउथ ग्रुप के सदस्यों से 100 करोड़ रुपए की रिश्वत मांगी थी, जिसमें से 45 करोड़ रुपए गोवा चुनाव पर खर्च किए गए थे।
ED ने जोर देकर कहा कि केजरीवाल ने दावा किया कि AAP के पूर्व मीडिया प्रभारी और इस केस के सह-आरोपी विजय नायर ने उनके नहीं, बल्कि मंत्री आतिशी और सौरभ भारद्वाज के अधीन काम किया था। इसमें यह भी दावा किया गया है कि CM ने कहा कि दुर्गेश पाठक गोवा के राज्य प्रभारी थे और फंड का प्रबंधन करते थे और फंड से संबंधित निर्णयों में उनकी खुद कोई भूमिका नहीं थी और उन्हें भारत राष्ट्र समिति की नेता के कविता से रिश्वत नहीं मिली थी।