नई दिल्ली । महाठग सुकेश चंद्रशेखर की जेल के अंदर कथित मदद के मामले में तिहाड़ जेल प्रशासन साक्ष्यों के आधार पर ही दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) के उपायुक्त को जेल कर्मचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में कार्रवाई की अनुमति देगा। इस संबंध में तिहाड़ जेल के डीजी संदीप गोयल का कहना है कि ईओडब्ल्यू ने 82 संदिग्ध जेल कर्मचारियों की लिस्ट भेजते हुए इनसे पूछताछ की अनुमति मांगी है, लेकिन अनुमति केवल साक्ष्यों के आधार पर ही दी जाएगी।
दरअसल, रोहिणी जेल में बंद करोड़ों रुपये की उगाही करने वाले ठग सुकेश वी. चंद्रशेखर के मामले में जांच के दौरान कुछ सुराग मिलने पर दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा के उपायुक्त मोहम्मद अली ने 10 जनवरी को तिहाड़ जेल के डीजी को एक पत्र भेजा था। डीजी को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि रोहिणी जेल नंबर दस में प्रतिमाह सुकेश चंद्रशेखर करीब डेढ़ करोड़ रुपये मोबाइल पर बातचीत करने के एवज में जेल अधिकारियों को रिश्वत के तौर पर बांटता था। इस बात की तह तक जाने के लिए रोहिणी जेल स्टाफ के कर्मचारियों से जांच और पूछताछ की जरूरत है।
ईओडब्ल्यू ने संदेह के आधार पर 82 जेल अधिकारियों के नाम की सूची तैयार कर इसे तिहाड़ जेल प्रशासन को भेजा था।''कुछ जेल कर्मी जानकारी लेने आए थे कि क्या अब उनके खिलाफ कोई एफआईआर या अन्य कार्रवाई की जाएगी। जेल कर्मियों को स्पष्ट किया गया है कि भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत जांच की अनुमति देने की एक प्रकिया होती है। साक्ष्यों के आधार पर ही जेल प्रशासन जांच की अनुमति देगा।