हरियाणा से रोज 100 मिलियन गैलन पानी दिए जाने की अपनी मांग को लेकर दिल्ली की जल मंत्री आतिशी आज यानी 21 जून से भूख हड़ताल कर रही हैं। हड़ताल शुरू करने से पहले उन्होंने राजघाट पहुंचकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। उनके साथ अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता, AAP सांसद संजय सिंह और सौरभ भारद्वाज भी मौजूद थे।
आतिशी दक्षिण दिल्ली के भोगल में भूख हड़ताल कर रही हैं। उनका आरोप है कि हर कोशिश के बावजूद, हरियाणा सरकार दिल्ली के हिस्से का पूरा पानी नहीं रिलीज रही है।
हड़ताल के दौरान संजय सिंह ने कहा- हम इस भीषण गर्मी में पशु-पक्षियों के लिए छतों पर पानी रख देते हैं। इंसानों के लिए प्याऊ चलाये जाते हैं, लेकिन BJP वालों के अंदर इतनी क्रूरता भरी है कि वे दिल्ली के लोगों को एक-एक बूंद पानी के लिए तरसा रहे हैं।
आतिशी ने X पर पोस्ट में लिखा- दशकों पहले, बापू ने स्वदेश के लिए, आम लोगों के अधिकार के लिए सत्याग्रह का रास्ता अपनाया था। आज उनके दिखाए रास्ते पर मैं दिल्ली के लोगों के लिए अनशन पर बैठ रही हूं।
सुनीत केजरीवाल बोलीं- उम्मीद है आतिशी की तपस्या सफल होगी
अनशन बैठने के बाद दिल्ली CM केजरीवाल की पत्नी सुनीता ने कहा- हरियाणा सरकार से अपील करने के लिए दिल्ली की मंत्री आतिशी अनिश्चितकालीन समय के लिए सत्याग्रह करने जा रही हैं। वह कुछ भी नहीं खाएंगी, केवल पानी पिएंगी। वह दिल्ली के प्यासे लोगों के लिए ऐसा कर रही हैं। सीएम अरविंद केजरीवाल का कहना है कि दिल्ली के लोगों की पीड़ा को टीवी पर देखकर उन्हें बहुत दुख होता है। उन्हें उम्मीद है कि आतिशी की तपस्या सफल होगी और लोगों को कुछ राहत मिलेगी।
सुनीता बोलीं- केजरीवाल जी का कहना है कि प्यासे को पानी पिलाना तो हमारे कल्चर में है। दिल्ली को पानी पड़ोसी राज्यों से मिलता है। इस हीटवेव में हमने चाहा था कि पड़ोसी राज्य हमें सपोर्ट करेंगे, लेकिन हरियाणा ने ऐसा नहीं किया। हालांकि, दोनों राज्यों में अलग-अलग पार्टियों की सरकार है, लेकिन क्या यह समय राजनीति करने का है।
आतिशी बोलीं- यह 'पानी सत्याग्रह' है
आतिशी ने अपनी हड़ताल को पानी सत्याग्रह बताया है। शुक्रवार को X पर एक पोस्ट में उन्होंने लिखा- मैं आज से पानी सत्याग्रह शुरू करूंगी। जब तक कि दिल्ली के लोगों को हरियाणा से पानी का उनका उचित हिस्सा नहीं मिल जाता, तब तक मैं भोगल, जंगपुरा में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर रहूंगी।
आतिशी का दावा है कि पिछले दो हफ्ते से हरियाणा दिल्ली को प्रतिदिन 613 एमजीडी के मुकाबले 100 मिलियन गैलन कम पानी दे रहा है, जिसके कारण दिल्ली में 28 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। दिल्ली में भीषण गर्मी पड़ रही है, इसलिए पानी की मांग बढ़ गई है।
दिल्ली में जल संकट क्यों हुआ?
दिल्ली में जल संकट के दो कारण हैं- गर्मी और पड़ोसी राज्यों पर निर्भरता। दिल्ली के पास अपना कोई जल स्रोत नहीं है। पानी के लिए यह पड़ोसी राज्यों पर निर्भर है। दिल्ली जल बोर्ड के मुताबिक, इस साल दिल्ली 32.1 करोड़ गैलन प्रतिदिन पानी की कमी से जूझ रही है।
दिल्ली जल बोर्ड के मुताबिक, राज्य को रोजाना 129 करोड़ गैलन पानी की जरूरत है। हालांकि गर्मियों में केवल 96.9 करोड़ गैलन प्रतिदिन मांग ही पूरी हो पा रही है। यानी दिल्ली की 2.30 करोड़ आबादी को हर दिन 129 करोड़ गैलन पानी चाहिए, लेकिन उसे सिर्फ 96.9 करोड़ गैलन पानी ही मिल रहा है।
दिल्ली को पानी यूपी-पंजाब से भी मिलता है
दिल्ली में पानी की जरूरत हरियाणा सरकार यमुना नदी से, उत्तर प्रदेश सरकार गंगा नदी से और पंजाब सरकार भाखरा नांगल बांध के पानी से पूरी करती है। 2023 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली को हर दिन यमुना से 38.9 करोड़ गैलन, गंगा नदी से 25.3 करोड़ गैलन और भाखरा-नांगल (रावी-व्यास नदी) से 22.1 करोड़ गैलन पानी मिलता था।
इसके अलावा कुएं, ट्यूबवेल और ग्राउंड वाटर से 9 करोड़ गैलन पानी आता था। यानी दिल्ली को हर दिन 95.3 करोड़ गैलन पानी मिलता था। 2024 के लिए यह आंकड़ा बढ़कर 96.9 करोड़ गैलन हो गया।
जेल जाने से पहले केजरीवाल ने भी अपील की थी
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सरेंडर करने से पहले पानी की कमी से जूझ रही दिल्ली की जनता के लिए भाजपा से अपील की थी। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा था कि BJP हरियाणा और उत्तर प्रदेश में अपनी सरकारों से दिल्ली को एक महीने के लिए पानी देने के लिए कहे।