भोपाल । प्रदेश में कोरोना काल के 18 माह में लोगों की इम्युनिटी कमजोर हुई है, जिसका असर डेंगू की बीमारी में मरीजों पर हो रहा है। वायरस में भी बदलाव हुआ है, मरीजों में शुरुआत में सामान्य लक्षण दिखते हैं और फिर गंभीर स्थिति बनने लगती है। मरीजों के प्लेटलेट्स भी तेजी से घट रहे हैं। यही वजह है कि मप्रदेश में डेंगू के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं।
मरीजों में फ्लू जैसे लक्षण उभर रहे हैं। यहां दूसरे वैरिएंट के ज्यादा मरीज पाए जा रहे हैं। चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है इस बार डेंगू अलग रूप में नजर आ रहा है। मरीजों में डेंगू के लक्षणों में भी लगातार परिवर्तन देखा जा रहा है। मरीजों में शुरुआती लक्षण सामान्य दिखाई देते हैं और फिर अचानक बेहद गंभीर स्थिति बनने लगती है।
कई
मरीजों में
दूसरा वैरिएंट
मरीजों की केस स्टडी में चिकित्सकों ने इस बार कई मरीजों में दूसरा वैरिएंट पाया है। कुछ मरीजों में 50 हजार से
कम प्लेटलेट्स हो रहे हैं। नए वैरिएंट के बारे में आईसीएमआर की जैनेटिक स्टडी में पता चल सकता है लेकिन लक्षण और मरीजों की स्थिति से दूसरे वैरिएंट का ज्यादा खतरा बना हुआ है। वैरिएंट में हो रहे बदलाव के चलते जिन लोगों को एक बार डेंगू हो चुका है, उनके लिए
दोबारा डेंगू ज्यादा खतरनाक है। नए वैरिएंट के बारे में आईसीएमआर की जैनेटिक स्टडी में पता चल सकता है लेकिन लक्षण और मरीजों की स्थिति से दूसरे वैरिएंट का ज्यादा खतरा बना हुआ है।
ये
हैं डेंगू
के चार
वैरिएंट
विशेषज्ञों का कहना है कि डेंगू के चार वैरिएंट हैं, जिनमें डेंगू-1,
डेंगू-2, डेंगू-3
व डेंगू-4 वैरिएंट
होते हैं। इनमें से दूसरा वैरिएंट ज्यादा खतरनाक है।
यह
चार बदलाव
देखे जा
रहे
1 इस बार अलग लक्षणों के साथ बीमार कर रहा डेंगू।
2 वायरस में बदलाव के कारण पहचान करना मुश्किल।
3 सामान्य लक्षणों से हो रही बीमारी की शुरुआत। 4 सामान्य 103 व 104 डिग्री के बुखार से अलग है।