भोपाल। मध्यप्रदेश के बेहतरीन हेल्थ टेक स्टार्टअप डिजीक्योर ई-क्लीनिक द्वारा आयोजित प्रेसवार्ता में डिजीक्योर ई-क्लीनिक के प्रोजेक्ट मैनेजर सौमेन बनर्जी ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं एक स्वस्थ व खुशहाल जीवन की बुनियादी आवश्यकता है। लेकिन भारत में अभी भी महानगरों और गाँव व छोटे शहरों के बीच स्वास्थ्य सुविधाओं के स्तर में ज़मीन-आसमान का अंतर है। आज जबकि भारत की 72% आबादी गाँव व छोटे शहरों में रहती है, तब भी हमारे देश की 70% स्वास्थ्य सुविधाएं केवल 20 बड़े शहरों में ही केंद्रित हैं।
इसी दौरान डिजीक्योर ई-क्लीनिक के फाउंडर आकांक्ष टंडन ने कहा कि गाँव व छोटे शहरों के लोगों को आज भी अच्छे इलाज के लिए नज़दीकी शहर आना-जाना पड़ता है, जिसमें काफी समय व पैसा खर्च होता है। कोरोना काल में यात्रा के साधन बंद होने से यह समस्या और गंभीर हो गई थी। डिजीक्योर ई-क्लीनिक भारत के छोटे शहरों व ग्रामीण इलाको में जहाँ से शहर जाकर इलाज कराना कठिन होता है हम वहां तक पहुँच कर स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के क्षेत्र में आगे बढ़ रहे है।
साथी फाउंडर अंकुर चौरसिया ने कहा कि हम स्वास्थ्य के क्षेत्र में टेक्नोलॉजी के साथ मिलकर आगे बढ़ रहे क्योंकि जिस तरह से टेक्नोलॉजी का उपयोग आज हर क्षेत्र में हो रहा है तो हेल्थ केअर के क्षेत्र में क्यों नही इसी सोच पर हम आगे बढ़े। बदलाव लाना आवश्यक है बल्कि आधुनिक टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से मरीज और विशेषज्ञ डॉक्टरों के बीच की दूरी कम करने की भी बहुत ज़रूरत है
वही फाउंडर टीम में से ही साकेत असाटी ने कहा कि हम भारत को बेहतर सुगम स्वास्थ सुविधाएं मुहैया कराना चाहते है। पिछले डेढ़ वर्ष में ही मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश और बिहार के कई जिलों के 52 से अधिक ग्रामीण स्थानों पर टेलीमेडिसिन टेक्नोलॉजी पर आधारित ई-क्लीनिक की स्थापना की और अब तक 250 से अधिक स्वास्थ्य एवं जागरूकता शिविर आयोजित किए है। साथ ही डिजीक्योर हाईटेक मोबाइल वाहन "स्वास्थ्य सेतु" भी संचालित करता है जो दूरस्थ क्षेत्र तक अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं पहुँचाने में सहायक हैं। अब तक 3000 से भी अधिक मरीज डिजीक्योर ई-क्लीनिक में आकर अपना सफल इलाज करा चुके हैं।
ई-क्लीनिक पर उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाएं-
न्यूनतम शुल्क पर शहरो के बड़े विशेषज्ञ डॉक्टरों से परामर्श।
स्वास्थ्य कर्मचारी द्वारा डिजिटल व आधुनिक उपकरणों द्वारा स्वास्थ्य जांचें।
दवाइयों का हिंदी में प्रिंटेड ई-पर्चा।
न्यूनतम दरों पर दवाइयाँ व लैब टेस्ट सुविधा।
डिजीक्योर ई-क्लीनिक की शुरुआत मैनिट भोपाल के 3 पूर्व छात्रों अंकुर चौरसिया, आकांक्ष टंडन और साकेत असाटी ने 2018 में की। ग्रामीण स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लक्ष्य के लिए उन्होंने भारत व अमेरिका की मल्टीनेशनल कंपनियों की बड़ी नौकरियां छोड़ दीं और भोपाल आकर डिजिटल हेल्थ के क्षेत्र में काम शुरू किया, इसके अलावा इस स्टार्टअप ने मध्यप्रदेश शासन के आयुष विभाग के लिए टेलीमेडिसिन मोबाइल एप्लीकेशन AyushQure का निर्माण किया साथ ही मध्यप्रदेश में अत्याधुनिक फिजियोथेरेपी के लिए 7 फिजियोथेरेपी सेंटर की भी शुरुआत की है।
डिजीक्योर एक डिजिटल क्लीनिक मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर भी डॉक्टरों को उपलब्ध कराता है जिस पर देश भर के 2000 से अधिक डॉक्टर्स रजिस्टर्ड हैं और लगभग 1 लाख मरीज स्वास्थ्य परामर्श ले चुके हैं।
आगामी 5 वर्षों में डिजीक्योर ऐसी 5000 ई-क्लीनिक सम्पूर्ण भारत में स्थापित करने जा रहा है, जिनमें वर्चुअल रियलिटी जैसी तकनीक व अत्याधुनिक उपकरणों के इस्तेमाल की योजना है।