निशातपुरा स्थित रेलवे हॉस्पिटल में शुक्रवार को सुबह करीब 10 से 11 बजे के बीच ऑफिस सुपरिटेंडेंट अमर सिंह और डॉक्टर मृणाल जोशी के बीच मारपीट की घटना सामने आई। यह विवाद तब शुरू हुआ जब सुपरिटेंडेंट किसी मरीज को रेफर करने के दस्तावेज लेकर डॉक्टर के चेंबर में गया था। दोनों के बीच कहासुनी हुई, जो मारपीट में बदल गई। इस घटना के बाद डॉक्टर्स ने काम बंद कर दिया, जिससे अस्पताल की ओपीडी में पहुंचे वाले रेलकर्मी, रिटायर्ड कर्मचारी और उनके परिजन परेशान हो गए। आमतौर पर 350-400 लोग अस्पताल की ओपीडी में पहुंचते हैं।
डॉक्टर मृणाल जोशी, जो एडिशनल सीएमएस के पद पर कार्यरत हैं, और उनके साथियों ने बजरिया थाने पहुंचकर सुपरिटेंडेंट अमर सिंह के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। इसके बाद सुपरिंटेंडेंट ने भी डॉक्टर के खिलाफ काउंटर रिपोर्ट दर्ज कराई। सूत्रों के अनुसार, अमर सिंह पहले भी विवादों में रहे हैं, लेकिन यूनियन की राजनीति के दबाव में अन्य कर्मचारी उनकी शिकायत नहीं करते। मामले की जानकारी डीआरएम देवाशीष त्रिपाठी तक भी पहुंची, हालांकि उन्होंने मीडिया को जानकारी नहीं दी।
बाद में डीआरएम के निर्देश पर ऑफिस सुपरिंटेंडेंट को सस्पेंड कर दिया गया। वहीं, सस्पेंड किए गए ऑफिस सुपरिंटेंडेंट अमर सिंह का एम्प्लॉइज फेडरेशन के महासचिव प्रशांत सूर्यवंशी सहित अन्य यूनियन पदाधिकारियों ने समर्थन किया है। डॉक्टर जोशी पर आरोप लगाया है कि उन्होंने एक रेलकर्मी के बच्चे को रेफर करने में असहयोग किया। इसी वजह से यह घटनाक्रम हुआ।
हमीदिया : गार्डों पर मरीज के परिजनों को पीटने का अरोप
हमीदिया अस्पताल के इमरजेंसी मेडिसिन विभाग में गुरुवार रात 10:30 बजे हंगामा हो गया। शाहजहांनाबाद निवासी एक मरीज भर्ती था। उसके साथ करीब एक दर्जन लोग वार्ड में घुसने की कोशिश करने लगे। गार्ड ने नियम के अनुसार सिर्फ एक व्यक्ति को अंदर जाने देने की बात कही। इस पर एक व्यक्ति, जो नशे में था, उसने गार्ड को थप्पड़ मार दिया। इसी दौरान एक जूनियर डॉक्टर को भी धक्का दे दिया। परिजनों का आरोप है कि गार्डों और डॉक्टरों ने तीन पुरुषों को अंदर बंद कर पीटा। वहीं प्रबंधन का कहना है कि परिजन नशे में थे। आरोपी व्यक्ति को सीएमओ डॉ. वीरेंद्र सिंह के पास ले जाया गया। बाद में पुलिस उसे अपने साथ ले गई।