शहर में 2018 से मेट्रो के प्रायोरिटी कॉरिडोर पर काम चल रहा है। सुभाष नगर से एम्स तक 6.22 किमी रूट पर मेट्रो का संचालन कब शुरू होगा, ये आज भी कहना मुश्किल है। लेकिन इसकी वजह से पिछले सात साल से इस पूरे इलाके में सड़कें बदहाल हैं।
एमपी नगर, आरकेएमपी और अरेरा हिल्स आने-जाने वाले करीब 50 हजार लोग रोज ये परेशानी झेल रहे हैं। मानसून आने को है। हलकी बारिश में ही सड़क पर कीचड़, जलभराव और उसके कारण ट्रैफिक जाम जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
नियम कहता है, मेट्रो प्रोजेक्ट के दौरान ट्रैफिक की समस्या न हो, इसकी व्यवस्था करने की जिम्मेदारी मेट्रो रेल कंपनी की है। रूट डाइवर्ट करना और जिस रूट पर ट्रैफिक चल रहा है, उसे मोटरेबल बनाना भी कंपनी की ही जिम्मेदारी है।
सुभाष नगर से आरबीआई : ड्रम लगाए और रस्सी बांधी
सुभाष नगर मेट्रो स्टेशन से आरबीआई तक 1.6 किमी की सड़क में 400 मीटर रास्ता खराब है। मेट्रो स्टेशन के नीचे 100 मी. रास्ते में गड्ढे और मिट्टी हैं। बारिश में यह हिस्सा बेहद फिसलन भरा हो जाता है। मैदा मिल के पास रोड ऊबड़-खाबड़ हो गई है। आयकर कार्यालय के सामने की सड़क भी खराब हो चुकी है। आरबीआई के सामने की सड़क तो ठीक है। लेकिन किनारे पर डिवाइडर के तौर पर ड्रम और रस्सी बांधी है, जो कई बार टूट जाती है जिस कारण गाड़ियां कट समझ कर सड़क से नीचे उतर सकती है। रात में ये रस्सियां नजर न आने से दुर्घटनाओं का खतरा रहता है।
आवागमन मुश्किल, दुर्घटनाओं का खतरा
काम पूरा होने के बाद ही सुधार
पीडब्ल्यूडी भोपाल डिवीजन के चीफ इंजीनियर संजय मस्के का कहना है कि सड़कों के सुधार के लिए हमने मेट्रो कंपनी को कहा है, ये उनकी जिम्मेदारी है। वहीं मेट्रो कंपनी के अधिकारियों के अनुसार प्रायोरिटी रूट पर अभी स्टेशन निर्माण सहित कई काम चल रहे हैं। हैवी मशीनरी सड़क पर चलने से कुछ जगह रोड खराब हो सकती है। इस क्षेत्र में काम पूरा होने के बाद सड़क को बेहतर किया जाएगा।
यहां भी दिक्कत
प्रायोरिटी रूट के अलावा अब सुभाष नगर से करोंद और भदभदा से रागिरि तिराहा तक भी मेट्रो का काम शुरू हो गया है। ऐसी स्थिति में रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म- 6 के पास ट्रैफिक जाम एक समस्या बनता जा रहा है। मिंटो हॉल, अप्सरा टॉकीज सहित शहर के कई अन्य इलाकों में सॉइल टेस्टिंग के लिए बैरिकेड लगाकर खुदाई हो रही है। बैरिकेड हटाने के बाद सड़क पर गड्ढे छोड़ दिए गए हैं।