जैन की चार्टर्ड अकाउंटेंट कंपनी ने ही मामले का ऑडिट किया था। ईडी ने वर्ष 2020 में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज एक एफआईआर के आधार पर कंपनी और उसके अधिकारियों के विरुद्ध मनी लान्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था। वित्तीय गड़बड़ी और ऋण न चुकाने के आरोप में सीबीआई ने एक्सेल व्हीकल्स के विरुद्ध मामला दर्ज किया था।
वाहन निर्माण कंपनी के अधिकृत डीलर के रूप में काम करने वाली कंपनी ने बैंक ऑफ इंडिया और कोटक महिंद्रा बैंक सहित कई वित्तीय संस्थानों से कर्ज लिया था। सीबीआई सूत्रों के अनुसार, कंपनी द्वारा 2014 में बैंक ऑफ इंडिया द्वारा मंजूर किए गए 42 करोड़ रुपये के ऋण को चुकाने में विफल रहने पर मामला दर्ज किया गया था। कंपनी ने ऋण के लिए कई वाणिज्यिक और आवासीय संपत्तियों को गिरवी रखा था।
वर्ष 2017 में, कई डिमांड नोटिस के बाद कंपनी से जुड़े एक प्रमुख व्यक्ति ने बैंक ऑफ इंडिया की टीटी नगर शाखा से संपर्क किया और परिचालन को अस्थायी रूप से रोकने का अनुरोध किया। यही संपत्तियां कंपनी ने कोटक महिंद्रा बैंक से ऋण लेने के लिए भी बंधक कराई थीं। इस कारण कोटक महिंद्रा बैंक की तरफ से भी आपत्ति की गई।
अब ईडी यह जांच कर रही है कि सीए के यहां से ऑडिट सही किया गया था या नहीं। जिन अन्य चार स्थानों पर छापा मारा गया है, उनमें एक्सेल व्हीकल्स प्रालि. कंपनी से जुड़े ठिकाने हैं। ईडी भोपाल की टीम बुधवार सुबह छह बजे ही सभी स्थानों पर पहुंच गई थी। देर शाम तक तलाशी पूरी हो गई है। कुछ दस्तावेज व डिजिटल स्टोरेज डिवाइसेस जब्त की गई हैं।