भोपाल | मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने खेल प्रेम का परिचय देते हुए प्रदेश में खेलों के विकास के प्रयास निरंतर करने का संकल्प लिया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मंगलवार को विभिन्न खेल संगठनों के पदाधिकारियों के साथ बातचीत में अपने संकल्प की जानकारी दी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि मध्यप्रदेश में वर्ष 2005 के बाद खेल बजट में कई गुना वृद्धि की गई है। विभिन्न खेलों के विकास के लिए खेल अकादमियों के गठन, खिलाड़ियों को भोजन और पोषण आहार की सुविधा, अच्छे खेल मैदान उपलब्ध करवाकर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खेल स्पर्धाओं के लिए उन्हें तैयार किया गया। इसका ही यह परिणाम है कि आज टोक्यो ओलिंपिक में मध्य प्रदेश महिला हॉकी अकादमी से प्रशिक्षित खिलाड़ियों ने भारतीय टीम में प्रतिनिधित्व किया। यह टीम भले कोई पदक अर्जित न कर सकी हो, लेकिन विश्व में चौथे क्रम पर आकर अपनी श्रेष्ठता का प्रमाण प्रस्तुत किया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने भारतीय ओलंपिक संघ, मध्यप्रदेश ओलंपिक संघ और हॉकी इंडिया के पदाधिकारियों के साथ चर्चा में कहा कि मध्यप्रदेश में विश्व स्तरीय खेल स्टेडियम का निर्माण भी शीघ्र किया जाएगा, जिससे खेलों और खिलाड़ियों के विकास का कार्य आसान हो।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा की बेटियाँ विभिन्न खेलों में हिस्सेदारी करती हैं।उन्हें विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जाएगा। जिस तरह वर्ष 2010 में भारतीय महिला हॉकी टीम को आर्थिक सहायता प्रदान कर मध्य प्रदेश सरकार ने एक उदाहरण प्रस्तुत किया था उसी क्रम में इस वर्ष ओलंपिक के श्रेष्ठ प्रदर्शन से भारतीय खिलाड़ियों ने पूरे विश्व का ध्यान आकर्षित किया। टोक्यो ओलंपिक की भारतीय महिला हॉकी टीम के खिलाड़ियों को 31-31 लाख रुपए की सम्मान राशि देकर प्रोत्साहित किया गया है। प्रोत्साहन का यह सिलसिला थमने वाला नहीं है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने समस्त खेल संगठनों से भी आग्रह किया है कि वह खेल मैदानों, खेल प्रशिक्षण और खेल सुविधाओं में वृद्धि के राज्य सरकार के प्रयासों में सहयोगी बने। खेल एवं युवा कल्याण विभाग ने टेलेंट सर्च के अंतर्गत विभिन्न खेलों में प्रतिभाओं की खोज का अभियान प्रारंभ किया है जिसके शीघ्र ही बहुत अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे। राज्य खेल मलखंभ सहित अन्य खेलों के विकास के लिए भी राज्य सरकार ने आवश्यक कदम उठाए हैं।