नई दिल्ली । उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में चुनाव होने वाले हैं। इसे देखते हुए सियासी सरगर्मी काफी तेज हो गई है। इसका असर स्टूडियों में भी देखने को मिल रहा है। किसान आंदोलन को लेकर सुर्खियों में आए भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत एक डिबेट शो में शामिल होने पहुंचे थे। यहां उन्होंने पीछे लगी स्क्रीन पर राम मंदिर की तस्वीर देखी। इसे देखते हुए वह भड़क उठे। शो के एंकर के साथ उनकी तीखी बहस हो गई। राकेश टिकैत ने एंकर से पूछा कि आप किसके कहने पर मंदिर-मस्जिद दिखा रहे हो। उन्होंने चैनल पर देश को बर्बाद करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मंदिर-मस्जिद के बजाए, अस्पताल की तस्वीर लगाओ।
कार्यक्रम चुनाव मंच में शामिल होने के लिए पहुंचे थे। चर्चा में शामिल होने के लिए जब वह पहुंचे तो स्क्रीन के ऊप लिखा था 'किसान का मुख्यमंत्री कौन?' नीचे अयोध्या में बन रहे राम मंदिर की तस्वीर लगी थी। इसे देखते ही टिकैत भड़क उठे। आप किसका प्रचार कर रहे हो? यह क्या दिखा रहा है? टिकैत ने तेज आवाज में कहा कि कैमरा और कलम पर बंदूक का पहरा है। इससे पहले राकेश सिंह टिकैत ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में मतदाता केवल उन्हीं का पक्ष लेंगे जो किसानों के कल्याण की बात करते हैं। वे मोहम्मद अली जिन्ना और पाकिस्तान का नाम लेकर धार्मिक आधार पर ध्रुवीकरण करने वालों का भला नहीं करेंगे।
साक्षात्कार में कहा कि यूपी में किसान संकट से गुजर रहे हैं क्योंकि उन्हें अपनी उपज का कम मूल्य मिल रहा है और उन्हें अत्यधिक बिजली बिल का भुगतान करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। यूपी विधानसभा चुनाव में प्रभावी मुद्दों के सवाल पर टिकैत ने कहा, ''किसानों, बेरोजगारों, युवाओं और मध्यम वर्ग के लिए महंगाई समेत तमाम मुद्दे हैं लेकिन जिन्ना और पाकिस्तान पर नियमित बयानों के माध्यम से हिंदू-मुसलमानों के बीच ध्रुवीकरण की भावना भड़काने की कोशिश की जा रही है लेकिन ऐसा करने वालों का प्रयास सफल नहीं होगा बल्कि यह उन्हें नुकसान पहुंचाएगा।'' टिकैत ने हालांकि किसी व्यक्ति और पार्टी का नाम नहीं लिया। यह पूछे जाने पर कि क्या वह चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ प्रचार करेंगे, टिकैत ने कहा,'' हमारी ऐसी कोई योजना नहीं है। मैं राजनेता नहीं हूं, मैं राजनीतिक दलों से दूर रहता हूं। मैं केवल किसानों के मुद्दों के बारे में बात करता हूं और लोगों से अपने नेताओं से सवाल करने का आग्रह करता हूं। मैं किसानों के मुद्दे उठाता रहूंगा।