नई दिल्ली । मुख्यमंत्री ने पदाधिकारियों से कहा कि राजधानी पटना में शराबबंदी के क्रियान्वयन पर विशेष नजर रखें। शराब पीनेवाले एवं पिलानेवाले को चिन्हित कर कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि सभी लोग यह मानते हैं कि शराब बुरी चीज है। कई दूसरे राज्यों के लोग भी अपने-अपने राज्यों में शराबबंदी चाहते हैं। बिहार में शराबबंदी का क्रियान्वयन सफल तरीके से किया जा रहा है। अन्य राज्यों के लोगों को प्रचार-प्रसार के माध्यम से इसके बारे में जानकारी दें। उन्होंने कहा कि शराबबंदी से बिहार के लोगों को काफी फायदा हो रहा है। राज्य में शराबबंदी के बाद दूध, सब्जी, मिठाई, फल आदि चीजों की खपत बढ़ी है।
मुख्यमंत्री ने दो टूक कहा कि शराबबंदी के क्रियान्वयन में किसी प्रकार की कोताही नहीं हो, यह सुनिश्चित करें। शराब माफिया के गिरोहों को ध्वस्त करें। शराब के वास्तविक धंधेबाज बच नहीं पायें। उन्होंने कहा कि पुलिस एवं मद्य निषेध विभाग संयुक्त रूप से पूरी मुस्तैदी से काम करे। शराबबंदी से जुड़े मामलों की ट्रायल में तेजी लायें। जब्त शराब को नष्ट करने का कार्य तेजी से हो। बैठक में मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने प्रस्तुतिकरण के माध्यम से 16 नवंबर 2021 के बाद से अबतक की गई कार्रवाई, जब्त शराब व अभियुक्तों की गिरफ्तारी एवं कार्रवाई के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।
बैठक में मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन मंत्री सुनील कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, महाधिवक्ता ललित किशोर, डीजीपी एसके सिंघल, गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद, मद्य निषेध के अपर मुख्य सचिव केके पाठक, अपर पुलिस महानिदेशक, स्पेशल ब्रांच सुनील कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल सिंह, उत्पाद आयुक्त बी कार्तिकेय धनजी, आईजी मद्य निषेध अमृत राज एवं विशेष सचिव गृह विकास वैभव आदि उपस्थित थे।