नई दिल्ली । वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2022-23 के बजट पर लोकसभा में चली चर्चा का जवाब देते हुए बताया कि कोविड-19 महामारी की मार से वित्त वर्ष 2020-21 में देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 9.57 लाख करोड़ रुपए की भारी गिरावट आई। उन्होंने कहा कि बैंकों ने सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों (एमएसएमई) के लिए आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) के तहत 3.1 लाख करोड़ रुपए का कर्ज मंजूर किया है। उल्लेखनीय है कि एमएसएमई क्षेत्र कोविड-19 महामारी से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। वित्त मंत्री ने बजट पर चली चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि अब भी इस योजना का लाभ लेने की इच्छुक एमएसएमई का स्वागत है। ईसीएलजीएस के तहत 3.1 लाख करोड़ रुपए के ऋण मंजूर किए गए हैं। अब भी 1.4 लाख करोड़ रुपए की ऋण गारंटी की गुंजाइश है। इस योजना को मार्च, 2023 तक बढ़ा दिया गया है। उन्होंने बताया कि एमएसएमई को ईसीएलजी योजना के तहत 2.36 लाख करोड़ रुपए का वितरण किया गया है। देश को अमृतकाल की तरफ बढ़ाने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार ने कई कदम उठाए हैं। आज जनधन योजना के कारण सभी भारतीय समस्त वित्तीय व्यवस्थाओं से जुड़े हैं और इन खातों में 1.57 लाख करोड़ रुपए जमा हैं। इनमें 55.6 प्रतिशत खाते महिलाओं के हैं।’ शहरों में बेरोजगारी अब कोविड-पूर्व के स्तर पर आ गई है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2015 में शुरू की गई प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत अब तक 1.2 करोड़ अतिरिक्त रोजगार अवसर मिले हैं।