भोपाल । सोमवार को हुई देशव्यापी हड़ताल में गांधी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) के जूनियर डॉक्टर भी शामिल हुए। वह सुबह नौ बजे से दोपहर दो बजे तक ओपीडी, ऑपरेशन थिएटर और वार्ड में सेवाएं नहीं देंगे। इनकी हड़ताल की वजह से करीब 12 ऑपरेशन टाल दिए गए हैं। हालांकि कालेज प्रबंधन का कहना है कि जूनियर डॉक्टर्स की जगह कंसल्टेंट्स की ड्यूटी लगाई गई है। काम प्रभावित नहीं हो रहा है।फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (फोर्डा) ने देशभर में सोमवार को एक दिन की सांकेतिक हड़ताल का आह्वान किया था।
इसी कड़ी में जीएमसी समेत प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में एक दिन का आंदोलन चल रहा है। मांगों के बारे में मध्य प्रदेश जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर अरविंद मीणा ने बताया कि एमडी-एमएस के पहले बैच का शैक्षणिक सत्र 01 जून से शुरू हो जाना चाहिए। इस साल पहले तो कोरोना के चलते परीक्षा कराने में देरी हुई। आरक्षण के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में केस लंबित है।
सुप्रीम कोर्ट ने भारत सरकार को चार हफ्ते के भीतर जवाब देने के लिए कहा है। जूनियर डॉक्टरों की मांग है कि सरकार जल्दी से जल्दी अपना जवाब सुप्रीम कोर्ट में पेश करें ताकि मामले का जल्द ही निपटारा हो सके। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में प्रथम वर्ष द्वितीय वर्ष और तृतीय वर्ष के मिलाकर हमेशा 1800 डॉक्टर से रहते हैं जिससे मरीजों के इलाज में काफी सुविधा रहती है।
काउंसलिंग में देरी की वजह से प्रथम वर्ष में जूनियर डॉक्टर नहीं है। इस कारण बाकी दो बैच पर काम का दबाव बहुत ज्यादा है। मरीजों को भी परेशानी हो रही है। बता दें कि देशभर में मेडिकल कॉलेजों में एमडी एमएस कोर्स में दाखिले के लिए होने वाली नीट पीजी काउंसलिंग जल्दी कराने की मांग को लेकर एक दिवसीय सांकेतिक हडताल का आयोजन किया गया है।