नई दिल्ली । सरकार ने बुधवार को बताया कि वर्ष 2030 तक 100 मीट्रिक टन कोयले के गैसीकरण और द्रवीकरण के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक योजना तैयार की है। लोकसभा में भारतीबेन श्याल एवं डा. अरविंद कुमार शर्मा के प्रश्न के लिखित उत्तर में कोयला एवं खान मंत्री प्रह्लाद जोशी ने यह जानकारी दी। जोशी ने बताया कि वर्ष 2030 तक 100 मीट्रिक टन कोयले का गैसीकरण प्राप्त करने के लिए, कोयला मंत्रालय ने कोयला मंत्री की अध्यक्षता में 31 अगस्त 2020 को एक अंतरराष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया था।
इसमें नीति आयोग, विभिन्न मंत्रालयों, अनुसंधान संगठनों, निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों तथा प्रौद्योगिकी प्रदाताओं के प्रतिनिधियों ने भाग लिया था। कोयला मंत्री ने बताया कि इनकी सिफारिशों के आधार पर एक मसौदा मिशन दस्तावेज तैयार किया गया था और 8 जून 2021 को आयोजित विचार-विमर्श के दौरान पक्षकारों के साथ इस पर चर्चा की गई थी। उन्होंने बताया कि आखिरी मिशन दस्तावेज को अब कोयला मंत्रालय की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है।
गैसीकरण को प्रोत्साहित करने के लिए, कोयला मंत्रालय ने एक नीति तैयार की है, जिसमें गैसीकरण के उद्देश्य हेतु उपयोग किये जाने वाले कोयले के लिए सभी वाणिज्यिक कोयला ब्लॉक नीलामियों के लिए राजस्व हिस्सेदारी में 50 प्रतिशत छूट का प्रावधान किया गया है, बशर्ते गैसीकरण के लिए उपयोग की जाने वाली कोयले की मात्रा कुल कोयला उत्पादन का कम से कम 10 प्रतिशत हो।