इन्दौर/बड़वानी । बकरी का दूध बहुत स्वास्थ्यवर्धक होता है, क्योकि बकरी शाकाहारी पशु है, और ऐसे पौधों की पत्तियां खाती है जो औषधीय युक्त होते है। जिसका लाभ इसके दूध के सेवन करने वाले को भी मिलता है और उसका स्वास्थ्य बेहतर बना रहता है। बकरी गरीब की ऐसी गाय होती है, जो कुछ लेती नही वरन् देती ही देती है।
उक्त बाते प्रदेश के पशुपालन मंत्री प्रेमसिंह पटेल ने जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर मध्यप्रदेश के लोगों को स्वास्थ्यवर्धक और सुपाच्य बकरी का दूध विक्रय करने के कार्य का शुभारंभ करते हुए कही। इस अवसर पर कलेक्टर शिवराजसिंह वर्मा, पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार शुक्ला, भाजपा जिलाध्यक्ष ओम सोनी, इन्दौर दुग्ध संघ के महाप्रबंधक एस.डी. जाधव, फील्ड आफिसर ओमप्रकाश झा, सहायक महाप्रबंधक आरपीएस भाटिया, बड़वानी जिला प्रबंधक आर.एस. पुरी सहित अन्य जनप्रतिनिधि सहित बड़ी संख्या में गणमान्यजन उपस्थित थे।
बड़वानी के साईनाथ बी कालोनी में सोमवार को आयोजित इस कार्यक्रम में उपस्थितों को सम्बोधित करते हुये पशु पालन मंत्री प्रेमसिंह पटेल ने बताया कि बकरी के दूध की उपयोगिता को देखते हुये इसे दुग्ध संघ के माध्यम से प्रदेश में विक्रय का कार्य प्रारंभ किया जा रहा है। इससे जहॉ लोगो को सरलता से मानक स्तर का बकरी दूध निर्धारित मूल्य पर मिलने लगेगा, वहीं बकरी पालन करने वाले जनजातीय भाईयों को भी नया रोजगार उपलब्ध होगा और वे अपने बकरी पालन के परम्परागत व्यवसाय को और बेहतर तरीके से करने लगेंगे।
इस अवसर पर कलेक्टर शिवराजसिंह वर्मा ने भी सम्बोधित करते हुये बताया कि दूर पहाड़ों पर रहने वाले जनजातीय भाईयों के घर में यदि कोई पशु सहजसुलभ है तो वह बकरी ही है। अब प्रदेश में दुग्ध संघ के माध्यम से बकरी दूध विक्रय का यह प्रयास जनजातीय भाईयों को ओर तेजी से समृद्ध बनायेगा।
इस दौरान दुग्ध संघ इन्दौर के पदाधिकारियों ने बताया कि बकरी दूध विक्रय की शुरूआत जबलपुर और इन्दौर संभाग के आदिवासी बहुल जिलों से एकत्र दूध से होगी। इन्दौर संभाग के बड़वानी, धार, झाबुआ और जबलपुर संभाग के सिवनी, बालाघाट जिलों के आदिवासियों से 50 से 70 रूपये प्रति किलो की दर से दूध, इन्दौर एवं जबलपुर दुग्ध संघ द्वारा खरीदा जा रहा है। दुग्ध संघ के पार्लर में 200 एमएल की बॉटल में अधिकतम 30 रूपए की दर से यह दूध वर्तमान में जबलपुर और इन्दौर दुग्ध संघ के पार्लरों पर उपलब्ध होगा।