नई दिल्ली: दुनियाभर में सेमीकंडक्टर चिप की मांग तेजी से बढ़ रही है और सरकार इस मौके के फायदा उठाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है। इसके लिए सरकार ने दिसंबर 2021 में 76,000 करोड़ रुपये की एक योजना शुरू की थी। इसके तहत सेमीकंडक्टर कंपनियों को इन्सेटिंव दिया जा रहा है। भारी निवेश के कारण इस योजना का पैसा लगभग खत्म हो चुका है। अब सरकार इससे भी बड़ा पैकेज लाने की तैयारी में है। सूत्रों के मुताबिक नए पैकेज पर प्रारंभिक कार्य शुरू हो चुका है। माना जा रहा है कि यह पिछले पैकेज से काफी बड़ा होगा। लेकिन इसकी घोषणा आम चुनावों के बाद बनने वाली नई सरकार के कार्यभार संभालने के बाद ही की जाएंगी।
एक सूत्र ने कहा, 'नया पैकेज नई सरकार के प्रमुख एजेंडे में से एक होगा और इसे प्राथमिकता के आधार पर लिया जाएगा।' उन्होंने बताया कि सेमीकंडक्टर के लिए जो नए प्रस्ताव आ रहे हैं, उनके लिए नए पैकेज की आवश्यकता है। सूत्र ने कहा कि यह मामला नए मंत्रिमंडल के समक्ष रखा जाएगा, क्योंकि कुछ प्रस्ताव अग्रिम चरण में हैं और प्रोत्साहन के संदर्भ में सरकार से तत्काल आश्वासन की आवश्यकता होगी। दिसंबर 2021 के पैकेज की सफलता से सरकार नया पैकेज तैयार करने के लिए प्रेरित हुई है। खासकर अमेरिका और चीन जैसे देशों ने सेमीकंडक्टर में निवेश करने वाली कंपनियों के लिए बहुत बड़े पैकेज की घोषणा की है। मौजूदा योजना के तहत, सरकार डिस्प्ले और सेमीकंडक्टर फैब्रिकेटर्स को परियोजना की लागत का 50% तक वित्तीय सहायता देती है। भारी मात्रा में निवेश आने के बाद इस योजना का पैसा लगभग खत्म हो गया है।
किन-किन कंपनियों ने दिया प्रस्ताव
सरकार कई दशकों से देश में सेमीकंडक्टर मैन्यूफैक्चरिंग की दिशा में काम कर रही है लेकिन हाल में जाकर उसे सफलता मिली है। अमेरिकी कंपनी माइक्रोन ने पिछले साल जून में गुजरात में 22,500 करोड़ रुपये की लागत से टेस्टिंग और पैकेजिंग यूनिट स्थापित करने की घोषणा की थी। यह भारत में सेमीकंडक्टर सेक्टर में निवेश करने वाले पहली कंपनी थी। इस साल फरवरी में करीब 1.3 लाख करोड़ रुपये के तीन प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स ताइवानी की पावरचिप सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कॉर्प के साथ गुजरात के धोलेरा में देश की पहली सेमीकंडक्टर फैब यूनिट स्थापित करेगी। इस पर 91,000 करोड़ रुपये खर्च आने की संभावना है। इसी तरह टाटा असम के मोरीगांव में 27,000 करोड़ रुपये की लागत से सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्ट (TSAT) यूनिट लगाएगी। साथ ही सीजी पावर भी जापान की कंपनी Renesas Electronics और थाईलैंड की स्टार्स माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स के साथ 7,600 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट लगाने जा रही है