पुणे पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पोर्श एक्सीडेंट केस में शनिवार (25 मई) को नाबालिग आरोपी के दादा सुरेंद्र अग्रवाल को गिरफ्तार किया है। उस पर फैमिली ड्राइवर को बंधक बनाने का आरोप है। इस मामले में नाबालिग के पिता विशाल अग्रवाल भी आरोपी है। पुलिस ने उसे 21 मई को गिरफ्तार किया था।
क्राइम ब्रांच के अधिकारी के मुताबिक, 18-19 मई की रात हादसे के बाद आरोपी के दादा और पिता ने नाबालिग को बचाने के लिए ड्राइवर को फंसाने की प्लानिंग की। उन्होंने ड्राइवर का फोन ले लिया और उसे 19 से 20 मई तक अपने बंगले में कैद रखा। बाद में ड्राइवर की पत्नी ने उसे बंगले से मुक्त कराया था।
हादसे का इल्जाम लेने के लिए आरोपी के परिवार ने ड्राइवर को पैसे का लालच भी दिया था। उन्होंने ड्राइवर से कहा कि वे उसे जल्दी ही जेल से निकाल लेंगे। ड्राइवर की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी के दादा और पिता के खिलाफ केस दर्ज किया है।
कार हादसे में युवक-युवती की मौत हुई थी
18-19 मई की रात 17 साल 8 महीने के आरोपी ने लग्जरी पोर्श कार से बाइक सवार युवक-युवती को टक्कर मारी थी। हादसे में IT सेक्टर में काम करने वाले 24 साल के अनीश अवधिया और 25 साल की अश्विनी कोष्टा की मौके पर ही मौत हो गई। दोनों मध्य प्रदेश के रहने वाले थे।
आरोपी नाबालिग के दादा सुरेंद्र अग्रवाल ने 23 मई को दावा किया था कि घटना के वक्त कार उनका फैमिली ड्राइवर चला रहा था। आरोपी के पिता विशाल ने भी यही बात कही थी। पुलिस की पूछताछ में ड्राइवर ने भी पहले खुद गाड़ी चलाने की बात स्वीकार की थी।
कोर्ट ने निबंध लिखने की शर्त पर आरोपी को जमानत दी थी
हादसे के 15 घंटे के भीतर जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने मामूली शर्तों के साथ आरोपी को रिहा कर दिया था। आरोपी को सड़क दुर्घटनाओं पर 300 शब्दों का निबंध लिखने, 15 दिनों तक ट्रैफिक पुलिस के साथ काम करने और शराब पीने की आदत के लिए काउंसिलिंग लेने को कहा गया था।
इस फैसले को लेकर देशभर में आक्रोश देखने को मिला। इसके बाद बुधवार (22 मई) को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने आरोपी को 5 जून तक के लिए बाल सुधार गृह भेज दिया। आरोपी एक नामी बिल्डर का बेटा है। हादसे की रात वह अपने दोस्तों के साथ 12वीं के रिजल्ट का जश्न मनाने गया था। उसने घटना से पहले दो पब में हजारों रुपए की शराब पी थी।
आरोपी के दादा-पिता अब तक 7 गिरफ्तार
पोर्श एक्सीडेंट केस में आरोपी के दादा और पिता सहित अब तक 7 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इनमें पांच लोग दो पब के मालिक, मैनेजर और स्टाफ हैं। इनकी पहचान कोजी रेस्टोरेंट के मालिक का बेटा नमन प्रह्लाद भूतड़ा, उसका मैनेजर सचिन काटकर, ब्लैक क्लब होटल के मैनेजर संदीप सांगले और उसका स्टाफ जयेश बोनकर और नितेश शेवानी शामिल हैं। इन पर नाबालिग आरोपी को शराब परोसने का आरोप है।
FIR के मुताबिक, नाबालिग के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था। यह जानने के बावजूद उसके पिता ने उसे लग्जरी कार चलाने दे दी। बिल्डर को यह भी पता था कि उसका बेटा शराब पीता है, फिर भी उसे पार्टी में शामिल होने की इजाजत दी।
स्पेशल कोर्ट ने 24 मई को आरोपी के पिता समेत सभी छह आरोपियों को 7 जून तक न्यायिक हिरासत में भेजा है। पुलिस कमिश्नर ने कहा कि मामले में सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश की गई थी, ताकि यह दिखाया जा सके कि आरोपी नाबालिग गाड़ी नहीं चला रहा था।
पुलिस ने आरोपी के पिता, बार मालिकों और मैनेजर के खिलाफ दर्ज FIR में धोखाधड़ी की धारा 420 भी जोड़ी है। कमिश्नर ने कहा, 'हमारे पास नाबालिग के पब में शराब पीते हुए CCTV फुटेज हैं। ऐसे में हम सिर्फ ब्लड सैंपल रिपोर्ट पर निर्भर नहीं रहेंगे। साथ ही इंटरनल इन्क्वॉयरी में पता चला है कि कुछ पुलिसकर्मियों की ओर से चूक हुई थी और सबूत नष्ट करने के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।'
आरोपी ने 90 मिनट में 48 हजार रुपए की शराब पी थी
पुणे के पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने बताया था कि आरोपी 18 मई को रात करीब 10:40 बजे कोजी पब गया था। यहां उसने 90 मिनट में 48 हजार रुपए का बिल चुकाया। इसके बाद वह रात 12:10 बजे ब्लैक क्लब मैरिएट होटल गया था। यहां से निकलने के बाद रात 2 बजे उसकी कार से एक्सीडेंट हुआ था। वह 200 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से कार चला रहा था।
ACP मनोज पाटिल ने कहा- आरोपी का ब्लड टेस्ट कराया गया है। FIR में मोटर वाहन अधिनियम की धारा 185- शराब पीकर गाड़ी चलाना यानी ड्रिंक एंड ड्राइव का चार्ज जोड़ा है। उसके खिलाफ IPC की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) और मोटर वाहनअधिनियम के प्रावधानों के तहत भी मामला दर्ज किया गया है।