भोपाल । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरू नानक देव जी के 552 वें प्रकाश पर्व पर सभी भाई- बहनों को हार्दिक शुभकामनाएँ देते हुए कहा है कि मानव जाति के उत्थान के लिए जो संदेश गुरू नानक देव जी ने दिया, वह आज पूरी दुनिया का कल्याण कर सकता है।
एक ओंकार के मार्ग पर यदि हम चलें तो सारे भेदभाव समाप्त होंगे और सभी समस्याओं का समाधान होगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने गुरू नानक जयंती के अवसर पर हमीदिया रोड स्थित गुरूद्वारे में मत्था टेक कर प्रदेश की खुशहाली, शांति, भाईचारे, प्रदेश की प्रगति और विकास के लिए अरदास की। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री चौहान गुरू नानक देव जी का आशीर्वाद लेने और माथा टेकने प्रतिवर्ष गुरूद्वारे में उपस्थिति देते हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान सदैव “चढ़दी कला में” रहे
मुख्यमंत्री श्री चौहान का गुरूद्वारे में “जी आयाँ नूँ” बोलकर कर स्वागत किया गया। गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी की ओर से यह अरदास की गई कि मुख्यमंत्री श्री चौहान सदैव “चढ़दी कला में” रहे और मानवता की ऐसे ही सेवा करते रहे।
गुरू नानक जी ने दिया स्त्री और पुरुष समानता का संदेश, माता-बहनों का आदर जरूरी
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रकाश पर्व पर “वाहे गुरू जी का खालसा- वाहे गुरू जी की फतेह” के उद्घोष से अपना उद्बोधन आरंभ किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रकाश पर्व की “लख-लख बधाइयाँ” देते हुए कहा कि “एक नूर से सब जग उपजा” का वाक्य कोई भेदभाव नहीं, कोई जाति नहीं, कोई बड़ा नहीं और कोई छोटा नहीं का संदेश देता है। गुरू नानक जी ने यह भी कहा था कि स्त्री और पुरुष बराबर हैं।
माताओं-बहनों का आदर करो। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि गुरूद्वारे की प्रबंधक कमेटी की सचिव एक महिला हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने गुरू नानक देव जी के चरणों में प्रणाम करते हुए प्रार्थना की कि प्रदेश, देश और पूरी दुनिया में सुख-समृद्धि, रिद्धि-सिद्धि हो, सभी लोग सुखी एवं निरोगी रहें, सब सही मार्ग पर चलें और एकता, प्रेम और भाईचारा सदैव बना रहे।
ईश्वर मुझे इतनी शक्ति दे कि मैं सही तरीके से बेहतर सेवा कर सकूँ
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि राज्य का सेवक होने के नाते मैं गुरूद्वारे में यही प्रार्थना करने आया हूँ कि ईश्वर मुझे इतनी शक्ति दे, कि मैं सबकी सही तरीके से बेहतर सेवा कर सकूँ। यह हमारा सौभाग्य है कि गुरूनानक जी भोपाल भी पधारे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि गुरूद्वारा टेकरी साहब की लीज के संबंध में आवश्यक व्यवस्था की जाएगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने “जो बोले सो निहाल-सत श्री अकाल” के उद्घोष से अपने उद्बोधन को विराम दिया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कड़ा प्रसाद ग्रहण किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान को गुरूद्वारे की ओर से शॉल तथा प्रतीक-चिन्ह भेंट किए गए।