नई दिल्ली । पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक पर उत्तराखंड के पूर्व मुखख्यमंत्री हरीश रावत के एक बयान से विवाद खड़ा हो गया है। हरीश रावत ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आधे घंटे रुक जाते तो कौन सा बम फूट जाता। उनके इस बयान पर भाजपा हमलावर है। हालांकि अब पूर्व सीएम ने इस पर सफाई दी है। उन्होंने कहा कि उनके बयान को तोड़ मरोड़ के पेश किया जा रहा है।
पीएम मोदी की सुरक्षा को लेकर एक सवाल के जवाब में रावत ने कहा था, 'आधा घंटा अगर विलंब हो जाता तो क्या बम फूट पड़ता, गजब हो जाता।' रावत ने कहा कि भाजपा इस मुद्दे पर सियासत कर रही है। रावत ने कहा कि सुरक्षा में चूक हुई है लेकिन पीएम ने जब अपना कार्यक्रम बदला तो राज्य सरकार को सूचित करना चाहिए था। उन्होंने इसे केंद्रीय खुफिया एजेंसियों की नाकामी बताया।
हालांकि अब हरीश रावत ने अपने बयान पर सफाई दी है। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता रावत ने कहा, "मेरा बयान (अगर 30 मिनट की देरी होती, तो कौन सा बम फट जाता?') को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया। मैंने कहा कि, पीएम की योजना बदलने के बाद, केंद्र और राज्य की एजेंसियों को रास्ते को खाली कराना चाहिए था और अगर कार्यक्रम 30 मिनट की देरी से हुआ होता, तो 'कौनसा आसमान टूट पड़ता?
" रावत ने कहा कि जिस इलाके में पीएम की सुरक्षा चूक का मामला में वह पूरा इलाका हाल के नियमों के मुताबिक बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र में आता है। उन्होंने कहा कि एसएसपी को सस्पेंड किया गया है और राज्य सरकार अपने स्तर से जांच कर रही है क्योंकि सुरक्षा राज्य की जिम्मेदारी है।