गुरुग्राम । पुलिस का काम सुरक्षा प्रदान करना होता है और वह भी चोरी जैसे मामले में लिप्त हो जाए तो आम जनता का क्या होगा सोचने का विषय है। ऐसा ही कुछ हरियाणा के गुरुग्राम जिले में हुआ यहां एक बिल्डर के फ्लैट से करोड़ों रुपए की चोरी मामले में संलिप्तता मिलने पर भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी (आईपीएस) धीरज सेतिया को निलंबित कर दिया गया है।
निलबंन के आदेश अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) राजीव अरोड़ा ने शुक्रवार को जारी किए गए। करोड़ों रुपए की चोरी के मामले में आरोपी के इकबालिया बयान के आधार पर आईपीएस अधिकारी धीरज सेतिया को जांच से जुड़ने को कहने के कई दिन बाद शुक्रवार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। रोहतक के सुनारिया में तीसरी इंडिया रिजर्व बटालियन के कमांडेंट के पद पर तैनात आईपीएस अधिकारी को जांच से जुड़ने को कहा गया था। आरोपी के इकबालिया बयान के आधार पर पिछले महीने भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम-1988 की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।
वहीं, इस मामले में आईपीएस धीरज सेतिया को एसटीएफ ने आरोपी बनाया है और उनके खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम और आईपीसी की धारा 411 को जोड़ा गया था। बता दें कि एसटीएफ ने आईपीएस से पूछताछ के लिए दो बार नोटिस भी भेजा था, लेकिन वे जांच में शामिल होने के लिए नहीं पहुंचे। एसटीएफ की एक टीम मंगलवार सुबह आईपीएस के घर पर भी गई थी, लेकिन वहां पर टीम को आईपीएस व उनका परिवार नहीं मिला।
गृह विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि निलंबित रहने के दौरान धीरज सेतिया का मुख्यालय पंचकूला स्थित पुलिस महानिदेशक का कार्यालय (पुलिस मुख्यालय) होगा। हालांकि, आदेश में निलंबन का कारण नहीं बताया गया है। धीरज पहले गुरुग्राम के पुलिस उपायुक्त के पद पर तैनात थे।
ज्ञात हो कि गैंगस्टर विकास लगरपूरिया को बिल्डर के रुपयों के बारे में डॉ. सचेंद्र जैन नवल ने जानकारी दी थी। उसके बाद सेक्टर-84 स्थित सोसाइटी में बने फ्लैट के पास गैंगस्टर के गुर्गों ने फ्लैट को किराये पर लिया था। उसके बाद बिल्डर के दो अलग-अलग फ्लैट से 20 करोड़ से ज्यादा रुपयों को चोरी की गई। चोरी करने के बाद गैंगस्टर के गुर्गों ने लगभग 13 से 14 करोड़ रुपए एक युवक को दिए थे। उसके बाद अगले दिन सुबह उससे सभी रुपए दिल्ली पुलिस के एएसआई विकास गुलिया लेकर गया थ। इसके अलावा साढ़े नौ करोड़ रुपए पहले दिन दिए गए थे।
पहले भी पुलिसकर्मी हो चुके हैं गिरफ्तार- खेड़की दौला थाने में कारोबारी को बंधक बनाकर 50 लाख रुपए लेने का मामला सामने आया था। जिस पर फरीदाबाद विजिलेंस टीम ने कार्रवाई करते हुए पहले हवलदार को गिरफ्तार किया था। उसके बाद इंस्पेक्टर विशाल को गिरफ्तार किया गया था। इंस्पेक्टर विशाल सहित अन्य पुलिसकर्मी जमानत पर चल रहे है।
इस मामले में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि गलत काम करने वाला कोई भी हो। उसको किसी भी सूरत में बक्शा नहीं जाएगा। बिल्डर के फ्लैट से करोड़ों की चोरी मामले में एसटीएफ जांच कर रही है। उन्होंने कहां कि अभी तक पौने छह करोड़ के लगभग रुपए रिकवर हो चुके हैं। इसके अलावा इस मामले अन्य शामिल लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है।
आईपीएस की चोरी मामले में संलिप्तता मिलने पर उनको निलंबित कर दिया गया है और मामले की जांच जारी है। जांच में सामने आए तथ्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। बिल्डर के घर से चोरी हुए रुपयों में गुरुग्राम पुलिस और एसटीएफ द्वारा मामले की जांच करते हुए अब तक 12 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। जिसमें एक दिल्ली पुलिस का एएसआई, गुरुग्राम के दो जाने-माने डॉक्टर और गैंगस्टर विकास लगरपुरिया के अन्य साथी शामिल हैं।