नई दिल्ली । राज्य में भूमि विवाद के मामलों पर गृह विभाग की पैनी नजर है। भूमि विवाद के मामलों का जल्द निपटारे करने के लिए विभाग ने व्यवस्था को और दुरुस्त करने का निर्देश दिया है। गृह विभाग इसके लिए लगातार बैठकें करने के साथ वरीय पदाधिकारियों को मॉनिटरिंग का टास्क भी सौंपा है। भूमि विवाद समेत कई अन्य मामलों पर पिछले दिनों गृह विभाग ने समीक्षा बैठक आयोजित की थी। इसमें भूमि विवाद से जुड़े मामलों की रिपोर्ट तलब की गई। सभी जिलों को पिछले तीन माह की रिपोर्ट पोर्टल पर अपलोड करने के साथ एडीजी विधि-व्यवस्था को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया। आंकड़ों में कोई गड़बड़ी है तो उसे भी एक सप्ताह में दुरुस्त कराने को कहा गया है। भूमि विवाद के चलते जिन जिलों में कब्रिस्तान घेराबंदी का काम लंबित है उसकी घेराबंदी के लिए संबंधित जिलों के डीएम को टीम बनाकर काम पूरा कराने का निर्देश दिया गया है। वहीं जिन जिलों की अपडेट रिपोर्ट दर्ज नहीं है, उसकी सूची भी डीएम से मांगी गई है। गृह विभाग ने स्पष्ट किया कि कब्रिस्तान घेराबंदी योजना का मकसद विवाद को खत्म करना है। ऐसे में भूमि विवाद का पत्र अलग से जिला पदाधिकारी को भेजा जाए। मुख्यमंत्री के निर्देश पर भूमि विवाद के मामलों को प्राथमिकता देते हुए तीन स्तर पर हल करने की व्यवस्था की गई है। इसे हर हाल में सुचारू रखने का निर्देश गृह विभाग ने दिया है। इसमें थानाध्यक्ष और अंचलाधिकारी को साप्ताह में एक बार, एसडीओ व एसडीपीओ को 15 दिन में और डीएम व एसपी को महीने में एक बार बैठक आयोजित करना है। इन बैठकों में भूमि विवाद के निपटारे को त्वरित कार्रवाई करने को कहा गया है। वहीं जिन जिलों में बैठक आयोजित नहीं की गई हैं वहां बैठक आयोजित करने के लिए हर माह पत्र भेजा जाएगा।