नागरिकों का फूट रहा गुस्सा
अधिकारियों द्वारा नियमों का पालन न किए जाने के कारण अपराधियों का हौसला बढ़ गया है। वे बिना किसी रोक-टोक के हूटर बजाते रहते हैं। नागरिकों ने प्रशासन की निष्क्रियता पर अपनी निराशा और गुस्सा जाहिर किया है। इस खतरे को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की मांग की है।
पीड़ित रहवासी का कहना
एक निवासी अमोल शर्मा ने कहा कि कई लोगों ने गश्त बढ़ाने, शोर निगरानी उपकरण लगाने और उल्लंघन करने वालों पर भारी जुर्माना लगाने की मांग की है। कुछ लोगों ने तो अवैध हूटर लगे वाहनों को जब्त करने का सुझाव भी दिया है। लंबे समय तक तेज आवाजों के संपर्क में रहने से सुनने की क्षमता कम हो सकती है, तनाव का स्तर बढ़ सकता है। यही नहीं अन्य प्रतिकूल स्वास्थ्य प्रभाव हो सकते हैं।
यातायात डीसीपी का कहना
संपर्क किए जाने पर डीसीपी (यातायात) बसंत कौल ने कहा कि उन्होंने हूटर के ऐसे अवैध इस्तेमाल के खिलाफ अभियान शुरू किया है। कौल ने कहा कि हमने 24 ऐसे उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ जुर्माना लगाया है। हम ऐसा ही करेंगे ताकि हूटरों के इस तरह के अवैध इस्तेमाल को रोका जा सके। नगर प्रशासन को स्थिति की गंभीरता को पहचानना चाहिए और इस मुद्दे को हल करने के लिए तत्काल कदम उठाने चाहिए।
ध्वनि प्रदूषण के प्रति सजग हो प्रशासन
पुलिस, परिवहन अधिकारियों और निवासी कल्याण संघों जैसे विभिन्न हितधारकों के सहयोग से एक व्यापक कार्य योजना तैयार की जानी चाहिए। ध्वनि प्रदूषण के हानिकारक प्रभावों और अवैध रूप से हूटरों के उपयोग के कानूनी परिणामों के बारे में जनता को शिक्षित करने के लिए जागरूकता अभियान शुरू किए जाने चाहिए।
हूटरों से संबंधित नियमों का सख्ती से हो पालन
इसके अलावा अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सरकारी वाहन, जिनमें अधिकारियों द्वारा उपयोग किए जाने वाले वाहन भी शामिल हैं, हूटरों के उपयोग से संबंधित नियमों का पालन करें। इससे जनता को एक मजबूत संदेश जाएगा कि प्रशासन इस समस्या से निपटने के लिए प्रतिबद्ध है। साथ ही किसी भी उल्लंघन को बर्दाश्त नहीं करेगा।