नई दिल्ली । रेटिंग एजेंसी का मानना है कि देश में पनबिजली खरीद दायित्व (एचपीओ) मानदंडों को पूरा करने के लिए 2030 तक लगभग 18 गीगावॉट पनबिजली क्षमता बढ़ाने की जरूरत होगी। केंद्र सरकार ने एचपीओ मानदंडों की अधिसूचना के द्वारा पनबिजली खंड में निवेश को बढ़ावा देने के लिए नीतिगत उपाए किए हैं।
पनबिजली खरीद दायित्व मानदंडों और 2030 तक उपलब्ध होने वाली बिजली के आधार पर तब तक पनबिजली क्षमता में करीब 18 गीगावॉट की बढ़ोतरी करने की जरूरत होगी। उन्होंने कहा कि इस तरह 2030 तक देश की स्थापित पनबिजली क्षमता में करीब 39 प्रतिशत की वृद्धि करनी होगी।
उन्होंने कहा कि एसईआरसी (राज्य बिजली नियामक आयोग) ने सिर्फ कुछ राज्यों में एचपीओ मानदंडों को अधिसूचित किया है। कदम ने कहा कि अन्य राज्यों में भी इस दिशा में तेजी से कदम उठाने की जरूरत है।