यरुशलम: इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के चीफ ऑफ स्टाफ को सेना से जुड़े एक अधिकारी से जबरन वसूली के मामले में नामित किया गया है। इजरायली मीडिया रिपोर्ट में इस बारे में जानकारी दी गई है। यरुशलम पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, नेतन्याहू के चीफ ऑफ स्टाफ तजाची ब्रेवरमैन ने पीएमओ के सदस्यों के साथ मिलकर अधिकारी के बारे में व्यक्तिगत जानकारी हासिल कर ली थी, और उनका इरादा इसका इस्तेमाल सरकारी प्रोटोकॉल को प्रभावित करने के लिए करने का था।यरुशलम पोस्ट ने बताया है कि इस मामले में इजरायली सेना प्रमुख के पास कई महीने पहले रिपोर्ट भेजी गई थी, जिसमें आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री कार्यालय के पास एक आईडीएफ अधिकारी के बारे में संवेदनशील जानकारी है। सेना प्रमुख हर्जी हलेवी को भेजी गई इस रिपोर्ट में गंभीर दावे थे। एक दावा यह था कि पीएमओ के पास अधिकारी से संबंधित सुरक्षा कैमरे की फुटेज और व्यक्तिगत दस्तावेज हैं। इन जानकारियों को पीएमओ के दूसरे अधिकारियों ने भी देखा था।
ब्रेवरमैन ने आरोपों को बताया झूठा
आरोपों के सामने आने के बाद ब्रेवरमैन ने ऐसी किसी भी गतिविधि से इनकार किया। उन्होंने रिपोर्ट को 'झूठा और अपमानजनक' कहा और दावा किया कि उनके पास न तो ऐसा कोई वीडियो है और न ही ब्लैकमेल करने के लिए इस्तेमाल का प्रयास किया था। उन्होंने कहा, 'यह शुरू से अंत तक झूठ है, जिसका उद्येश्य युद्ध के बीच मुझे और प्रधानमंत्री कार्यालय को नुकसान पहुंचाना है।'
अधिकारी के महिला से संबंध
नेतन्याहू के एक करीबी अधिकारी ने कथित तौर पर हलेवी को बताया कि आईडीएफ अधिकारी प्रधानमंत्री कार्यालय में एक महिला कर्मचारी के साथ अनुचित संबंध में था। हालांकि सेना की जांच में पाया गया कि यह संबंध सत्ता का दुरुपयोग नहीं था। इस महीने की शुरुआत से चल रहे स्कैंडल ने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय को हिलाकर रख दिया है। पीएमओ पर सुरक्षा कुप्रबंधन और संवेदनशील जानकारी के जानबूझकर हेरफेर के आरोप लगे हैं।