मुंबई । गुड़गांव मुख्यालय वाली फिनटेक स्टार्ट-अप मोबीक्विक अपने आईपीओ योजना को अगले कुछ महीनों के लिए टाल सकती है।दरअसल पेटीएम के आईपीओ की खराब लिस्टिंग के बाद बिगड़े माहौल, कंपनी के बिजनेस मॉडल को लेकर कई तरह के सवाल, निवेशकों की दिचलस्पी को लेकर आशंका और आरबीआई की तरफ से जारी डिजिटिल लेंडिंग पेपर को देखकर मोबीक्विक यह फैसला ले सकती है।
मोबीक्विक को पेटीएम की एक छोटी राइवल के तौर पर देखा जाता है। कंपनी ने जुलाई में 1,900 करोड़ का आईपीओ लाने के लिए मार्केट रेगुलेटर सेबी के पास डॉक्यूमेंट जमा कराए थे।कागजों के मुताबिक मोबीक्विक के आईपीओ में 1500 करोड़ रुपये का फ्रेश इश्यू और 400 करोड़ रुपये का ऑफर-फॉर-सेल शामिल था। सेबी ने बीते 7 अक्टूबर को कंपनी को आईपीओ लाने की मंजूरी दी थी।
सूत्र ने बताया, पहले दिवाली तक आईपीओ को लाने की योजना थी।फिर कंपनी ने यह देखने का इंतजार किया कि पेटीएम को कैसी प्रतिक्रिया मिलती है। अब आईपीओ की योजना बढ़ाकर जनवरी-फरवरी तक जा सकता है। यह मार्केट के मूड पर भी निर्भर करता है क्योंकि आईपीओ लॉन्च करने की टाइमिंग सही होनी चाहिए।"
जानकार ने आईपीओ योजना में देरी हो चुकी है, लेकिन इस बात का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है कि मार्केट कब मोबीक्विक आईपीओ को लांच करने के लिए अनुकूल होगा। उन्होंने कहा कि अगर निवेशकों की तरफ से अच्छी प्रतिक्रिया मिलती है,तब कंपनी दिसंबर में ही आईपीओ ला सकती है, लेकिन अगर ऐसा नहीं होता है,तब योजना आगे बढ़ सकती है।