इस दुर्घटना के कारण गुरुवार को ग्वालियर से गुजरने वाली शताब्दी एक्सप्रेस, गतिमान एक्सप्रेस, भोपाल वंदे भारत, खजुराहो वंदे भारत, वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी-आगरा एक्सप्रेस ट्रेनें रद रहीं। इसके अलावा जबलपुर व छत्तीसगढ़ के शहरों को जाने वाली ट्रेनों को आगरा, टूंडला, गोविंदपुरी, प्रयागराज होते हुए मानिकपुर-कटनी के रास्ते चलाया गया।
इनमें उत्कल एक्सप्रेस, कटरा-जबलपुर एक्सप्रेस, जम्मूतवी-दुर्ग एक्सप्रेस, जीटी एक्सप्रेस, संपर्क क्रांति एक्सप्रेस, बिलासपुर राजधानी एक्सप्रेस जैसी ट्रेनें शामिल हैं। वहीं कई ट्रेनों को हजरत निजामुद्दीन, गाजियाबाद, मितावली, एत्मादपुर, आगरा कैंट होते हुए संचालित किया गया।
महाकौशल एक्सप्रेस को दिल्ली के बजाय आगरा से संचालित किया गया। ट्रेनों के परिवर्तित मार्ग से संचालित होने के कारण ग्वालियर रेलवे स्टेशनों पर यात्री परेशान होते हुए नजर आए। दिनभर में गिनी-चुनी ट्रेनें ही स्टेशन पर आईं। हालांकि यात्रियों की सुविधा के लिए हेल्प डेस्क की व्यवस्था की गई थी, लेकिन जिन यात्रियों को रद या परिवर्तित मार्ग से चलने वाली ट्रेनों से जाना था, उन्हें ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ा।
मालगाड़ी मथुरा की तरफ से कोयला लेकर दिल्ली जा रही थी। ट्रेन जैसे ही वृंदावन रोड रेलवे स्टेशन से 800 मीटर आगे पहुंची, तभी कपलिंग टूट गई और हादसा हो गया। ट्रेन में इंजन समेत 59 डिब्बे लगे थे। मालगाड़ी में भरा कोयला ट्रैक पर फैल गया। कई ओएचई (ओवर हेड इक्विपमेंट) खंभे टूट गए। राहत कार्य में 500 से ज्यादा कर्मचारी लगाए गए। डिब्बे हटाने के लिए आगरा, झांसी और दिल्ली से क्रेन मंगाई गई है। अधिकारियों का दावा है कि रात तक ट्रैक क्लीयर कर दिया जाएगा।