भोपाल । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रदेश में आंगनबाडिय़ों के लिए पोषण आहार तैयार करने वाले 7 प्लांट्स का संचालन एमपी एग्रो से वापस लेकर स्व सहायता समूहों को दिया जाएगा। एक अन्य निर्णय में नई रेत खदानों की नीलामी अब 250 रुपए घनमीटर आधार दर से की जाएगी। वहीं प्रदेश के 12 स्टेट रोड पर अब टोल टैक्स लगेगा। मप्र सड़क विकास निगम के अधीन इन 12 मार्गों पर टोल टैक्स वसूली के लिए कलेक्शन एजेंसी का चयन करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। यात्री वाहनों को टैक्स से छूट दी गई है।
सरकार के प्रवक्ता एवं गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि राज्य कैबिनेट के निर्णय के मुताबिक प्रदेश में सड़कों के रखरखाव के लिए सरकार टोल टैक्स वसूल करेगी। इसके लिए लोक निर्माण विभाग ने 12 सड़कों का
चयन किया है। यात्री वाहनों को टोल टैक्स से छूट रहेगी। सिर्फ वाणिज्यिक वाहनों से शुल्क लिया जाएगा। प्रति वर्ष एक सितंबर को टैक्स का पुनर्निर्धारण होगा। टोल लगाने के लिए एजेंसी का चयन निविदा के माध्यम से होगा और ठेका अवधि 5 साल की
रहेगी।
विभागों
को वित्तीय
संसाधन जुटाने
के निर्देश
शिवराज सरकार ने कोरोना संकट की वजह से प्रभावित अर्थव्यवस्था को देखते हुए सभी विभागों को बजट के अतिरिक्त भी वित्तीय संसाधन जुटाने के निर्देश दिए हैं। इसके मद्देनजर लोक निर्माण विभाग ने ऐसे मार्गों पर टोल टैक्स लेने का निर्णय किया है, जिन पर
वाणिज्यिक वाहनों की आवाजाही अधिक होती है। इससे जो राशि प्राप्त होगी, उसका उपयोग
सड़कों के रखरखाव पर किया जाएगा।
दिसंबर
से सरकारी
प्लांटों में
पोषण आहार
उत्पादन
प्रदेश के सातों पोषण आहार प्लांट महिला स्व-सहायता समूहों को सौंपने का निर्णय कैबिनेट ने लिया है। महिला एवं बाल विकास विभाग ने नया सिस्टम लागू करने की तैयारी पूरी कर ली है। संभवत: दिसंबर से
समूहों के सातों परिसंघ सरकारी प्लांटों में पोषण आहार उत्पादन शुरू कर देंगे। हालांकि, ये निर्णय लेने में वर्तमान सरकार को भी डेढ़ साल का समय लग गया, क्योंकि
पोषण आहार व्यवस्था से जुड़े विभागों को एक राय बनाने में वक्त लगा है। मार्च 2020 में मुख्यमंत्री बनते ही शिवराज सिंह चौहान ने सातों प्लांट एमपी एग्रो से वापस लेकर समूहों के परिसंघों को सौंपने का निर्णय लिया था।
धान
की नीलामी
को मंजूरी
प्रदेश सरकार 6 लाख 45 हजार
टन गेहूं की नीलामी करने के बाद अब धान की भी नीलामी होगी। केंद्र सरकार ने वर्ष 2017-18 और
2019-20 की मिलिंग से शेष 4 लाख टन
से अधिक धान को अब सेंट्रल पूल में लेने से इंकार कर दिया है। नीलामी से 1400 से लेकर
1800 रुपये प्रति क्विंटल तक राशि मिलने की उम्मीद है। जबकि, जुलाई
2021 तक धान का प्रति क्विंटल औसत आर्थिक लागत 2 हजार
476 रुपए है। कैबिनेट इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद अब खाद्य विभाग जल्दी ही नीलामी प्रक्रिया शुरु करेगा।