नई दिल्ली । भारतीय स्टेनलेस स्टील उद्योग की प्रमुख प्रतिनिधि संस्था इंडियन स्टेनलेस स्टील डेवलपमेंट एसोसिएशन (इसडा) ने सरकार से अगले आम बजट में चीन और इंडोनेशिया से आयातित स्टेनलेस स्टील उत्पादों पर काउंटरवेलिंग ड्यूटी (सीवीडी) लागू करने की अपील की है। इसडा ने कहा कि आम बजट 2021-22 में सीवीडी निलंबित करने से इंडोनेशिया और चीन से आयात में वृद्धि हुई है। अधिकतम आयात बड़े पैमाने पर इंडोनेशिया से परिचालित चीन की कंपनियों से हो रहा है, जिन्हें फरवरी 2021 में सीवीडी के निलंबन के बाद बढ़ावा मिला।
इसडा के अध्यक्ष केके पाहुजा ने कहा बाज़ार में आई मौजूदा उछाल भारत में बढ़ती आयात निर्भरता के बड़े मुद्दे को छिपा रही है जो माननीय प्रधानमंत्री के ‘आत्मानिभर भारत' द्दष्टिकोण के विरुद्ध है, क्योंकि इसका दीर्घकालिक प्रभाव होगा। यदि निर्धारित अर्ध-न्यायिक प्रक्रियाओं के बाद लागू व्यापार- सुधारक नीतियों को अचानक वापस ले लिया जाता है, तो इससे अनिश्चितता पैदा होती है और व्यावसाय पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
हमें उम्मीद है कि सरकार आयात बढ़ोतरी के मुद्दे पर ध्यान देगी और आगामी बजट में दोनों सीवीडी को फिर से लागू करेगी। डीजीटीआर द्वारा की गई विस्तृत जांच के बाद दोनों देशों में गैर-डब्ल्यूटीओ अनुपालन सब्सिडी साबित हुईं और आयात पर सीवीडी जारी की गईं। शुल्क वापसी का कारण मूल्य नियंत्रित करना था, लेकिन कमॉडिटी सुपर-साइकिल के कारण कच्चे माल का मूल्य भी बढ़ा और मूल्य-नियंत्रण का उद्देश्य पूरा नहीं हुआ। बढ़ते आयात से स्टेनलेस स्टील क्षेत्र के एमएसएमई उत्पादकों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा और स्टेनलेस स्टील उद्योग में निवेश की भावना मंद हो गई।
पूरे स्टील उद्योग के आयात (5-6 प्रतिशत) के मुकाबले, स्टेनलेस स्टील फ्लैट उत्पाद क्षेत्र में आयात का हिस्सा 25 प्रतिशत के साथ लगभग पांच गुना है। पिछले आम बजट (2021-22) में सीवीडी को नौ महीने की अवधि के लिए निलंबित किया गया, जिसे 31 जनवरी 2022 तक बढ़ा दिया गया था। आने वाले दिनों में चीन के उत्पादन में गिरावट आ सकती है, लेकिन इंडोनेशिया में स्थित चीन की कंपनियों के स्टेनलेस स्टील उत्पादन में तेज़ वृद्धि की उम्मीद है। इसडा को आशंका है कि इंडोनेशिया 2021 में भारत को पीछे छोड़कर विश्व में दूसरे सबसे बड़े स्टेनलेस स्टील उत्पादक का स्थान ले लेगा, जैसा कि अंतररष्ट्रीय स्तर पर प्रकाशित नवीनतम रिपोर्ट में कहा गया है।
इंडोनेशिया का उत्पादन मुख्य रूप से निर्यात बाज़ारों के लिए होता है जहां भारत भी भारत-आसियान एफटीए के तहत बाज़ार में खुली पहुंच प्रदान करता है। स्टेनलेस स्टील के फ्लैट उत्पादों के आयात रुझान से यह संकेत मिलता है कि पिछले दो वर्षों की तरह इस वर्ष में भारतीय बाज़ार का एक-चौथाई हिस्सा आयातित होगा। इस वर्ष, जीडीपी की तरह, भारतीय स्टेनलेस स्टील बाज़ार के कोविड-पूर्व स्तर पर रहने की उम्मीद है। मांग पूरी करने के लिए घरेलू उद्योग में पर्याप्त क्षमता है।
हालांकि, अधिक आयात के कारण उद्योग अपनी वास्तविक क्षमता तक नहीं पहुंच पा रहा है। इससे न केवल सरकार के राजस्व पर, बल्कि रोज़गार सृजन और उद्योग के आगामी निवेश पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। साथ ही, सब्सिडी-शुदा स्टेनलेस स्टील के लिए बाज़ार में खुली पहुंच प्रदान कर, भारत इंडोनेशिया की स्टेनलेस स्टील उत्पादन वृद्धि में सीधी मदद कर रहा है। यह भारतीय विनिर्माण उद्योग के लिए हानिकारक है। विश्व में दूसरे सबसे बड़े स्टेनलेस स्टील उत्पादक के रूप में भारत की स्थिति को बरकरार रखने के लिए सरकार का नीतिगत समर्थन आवश्यक है।