नई दिल्ली । भारत सरकार और एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने 13 राज्यों के शहरी क्षेत्रों में व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल की पहुंच को मजबूत करने और बेहतर बनाने के लिए कल 300 मिलियन डॉलर के ऋण पर हस्ताक्षर किए हैं।
इससे स्लम क्षेत्रों के 51 मिलियन निवासियों सहित 256 मिलियन से अधिक शहरी निवासियों को लाभ मिलेगा। वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग के अपर सचिव श्री रजत कुमार मिश्रा ने शहरी क्षेत्र कार्यक्रम में व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल और महामारी की तैयारियों को मजबूत बनाने के लिए इस समझौते पर हस्ताक्षर किए, जबकि एडीबी के भारत निवासी मिशन के कंट्री निदेशक श्री ताकेओ कोनिशी ने हस्ताक्षर किए।
ऋण समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद, श्री मिश्रा ने कहा कि यह कार्यक्रम भारत सरकार की प्रमुख स्वास्थ्य पहलों- आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और कल्याण केन्द्र (एबी-एचडब्ल्यूसी) और प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना (पीएम-एएसबीवाई)– जिसे अब प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (पीएम-एबीएचआईएम)– का नया नाम दिया गया है, में सहायता प्रदान करेगा।
यह विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों में वंचित आबादी के लिए गुणवत्तायुक्त प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं की उपलब्धता और पहुंच का विस्तार करेगा। आयुष्मान भारत कार्यक्रम 2018 में शुरू किया था। इसका उद्देश्य भारत में सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज हासिल करने की एक प्रमुख रणनीति के रूप में व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल की पहुंच को बेहतर बनाना है।
कोरोना वायरस महामारी (कोविड-19) के प्रसार ने देश की स्वास्थ्य प्रणाली पर अतिरिक्त दबाव डाल दिया था। सरकार ने भविष्य की महामारियों और अन्य आपात स्थितियों के विरुद्ध तैयारी करने के लिए एक दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाते हुए पीएम-एएसबीवाई (जिसे बाद में पीएम-एबीएचआईएम का नया नाम दिया गया) की शुरुआत की थी।