भोपाल। इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल (IISF) का सातवां संस्करण शुक्रवार को गोवा के पणजी में शुरू हुआ। यह संस्करण "समृद्ध भारत के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी में रचनात्मकता और नवाचार का जश्न" विषय पर केंद्रित है।
मंत्री ओम प्रकाश सखलेचा ने "प्रौद्योगिकी का नया युग" से संबंधित उत्सव के खंड का उद्घाटन किया। यह खंड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, आभासी वास्तविकता और दैनिक जीवन में उनके अनुप्रयोग जैसी सीमांत प्रौद्योगिकियों के बढ़ते क्षेत्रों पर सूचना का प्रसार करने के लिए है। इस अवसर पर समारोह के मुख्य आयोजकों में से एक अर्थ साइंस मंत्रालय की संयुक्त सचिव श्रीमती इंदिरा मूर्ति भी उपस्थित थीं। साथ ही विज्ञान भारती के राष्ट्रीय महा सचिव सुधीर भदौरिया, सीएसआईआर एमप्री के डायरेक्टर डॉ. अवनीश श्रीवास्तव, मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के महानिदेशक डॉ. अनिल कोठारी भी मौजूद रहे।
मंत्री श्री सखेलचा ने आईआईएफएस-2021 में मध्यप्रदेश के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का भ्रमण किया। इस प्रदर्शनी में आत्म-निर्भर मध्य प्रदेश के रोडमैप, कार्य योजना एवं उपलब्धियों को दर्शाया गया है, जिसमें विभिन्न विभागों द्वारा अमूल्य सहयोग प्रदान किया गया है। प्रदर्शनी में रिमोट सेंसिंग नवाचार विशेष है। साथ ही प्रदेश की कारीगरी और शिल्पकारी को प्रदर्शित किया गया है। इसमें बाघ प्रिंट, बांस से बने उत्पाद, अगरिया कारीगरों द्वारा बनाए गए लोहे के उत्पाद और कलाकृति जैसी कई वस्तुएँ शामिल है।
श्री सखलेचा ने "इको फेस्टिवल" का भी उद्घाटन किया, जो उन प्रौद्योगिकियों, रणनीतियों और कार्यों से संबंधित है जो पारिस्थितिक रूप से स्थायी जीवन की ओर ले जाते हैं। इस अवसर पर विज्ञान भारती के आयोजन सचिव जयंत सहस्रबुद्धे भी उपस्थित रहे।
आईआईटीएफ-2021 का उद्देश्य भारतीय पारंपरिक कला और शिल्प को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर ले जाना है। श्री सखलेचा ने गोवा के पारंपरिक शिल्पकार, पद्मश्री विनायक खेडेकर के साथ आईआईएसएफ के तहत "पारंपरिक शिल्प और कारीगर महोत्सव" का उद्घाटन भी किया।