नई दिल्ली । लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन में तकरार जारी है। हाल ही में भारत ने अपनी तीव्र प्रतिक्रिया क्षमताओं का प्रदर्शन करने के लिए हवाई युद्धाभ्यास कर ड्रैगन को चौंका दिया था। वहीं, भारत ने अब ऑपरेशन हरक्यूलिस कोडनाम वाले एक एयरलिफ्ट अभ्यास के दौरान संवेदनशील क्षेत्र में तैनात सैनिकों के लिए रसद सहायता प्रदान करने के लिए अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया है। इस मामले से संबंधित अधिकारियों ने यह जानकारी दी है। भारतीय वायु सेना और सेना द्वारा संयुक्त अभ्यास 15 नवंबर को आयोजित किया गया था। रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को इसकी जानकारी दी।
पूर्वी लद्दाख में हवाई अभ्यास के दो सप्ताह बाद सैनिकों और हथियारों की तेजी से एक थियेटर से दूसरे थियेटर तक आवाजाही, सटीक स्टैंड-ऑफ जैसी क्षमताओं का प्रदर्शन किया गया। इस दौरान निर्धारित लक्ष्यों को गिराना और तेजी से पकड़ने का भी अभ्यास किया गया। मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "इस उच्च तीव्रता वाले एयरलिफ्ट का उद्देश्य उत्तरी क्षेत्र में रसद आपूर्ति को मजबूत करना और परिचालन क्षेत्रों में शीतकालीन स्टॉकिंग को बढ़ाना था।" आईएएफ के सी -17 ग्लोबमास्टर आइआइआइ, आइएल -76 और एन-32 विमान इस अभ्यास में शामिल थे।
भारत ने चीनी सैन्य निर्माण और पड़ोसी द्वारा किसी भी दुस्साहस की संभावना का मुकाबला करने के लिए लद्दाख थिएटर में 50,000 से 60,000 सैनिकों और उन्नत हथियारों को तैनात किया है। ऑपरेशन हरक्यूलिस भारतीय वायुसेना की भारी-भरकम क्षमता का एक वास्तविक समय का प्रदर्शन था। मंत्रालय ने कहा कि गतिरोध के दौरान वायु सेना ने किसी भी आकस्मिकता का तुरंत जवाब देने की क्षमता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।