इंदौर की रेप पीड़िता ने जज की शिकायत राष्ट्रपति, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई), राष्ट्रीय महिला आयोग और हाईकोर्ट के प्रशासनिक जज से की है। पीड़िता ने शपथ पत्र भी दिया है। शिकायत स्पीड पोस्ट से भिजवाई है। मामले में महिला वकीलों ने सोमवार शाम को विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने पीड़िता की गरिमा को ध्यान में रखते हुए न्याय दिलाने और न्यायाधीश के विरुद्ध उचित कार्रवाई करने की मांग का ज्ञापन प्रशासनिक न्यायाधीश को दिया है।
रेप पीड़िता ने शिकायत में गंभीर आरोप लगाए हैं। पीड़िता और उसके वकील ने कहा कि- जज ने प्रति परीक्षण के वक्त कोर्ट रूम का बंद दरवाजा खुलवा कर बयान लिए। ऐसे सवाल पूछे कि सिर शर्म से झुक गया। कोर्ट रूम में मौजूद सभी लोग हंस रहे थे। जज ने मुझे बाजारू लड़की कहा। पूछा कि तुम्हें रेप के बाद पैसे मिल गए कि नहीं? इतना ही नहीं, खुद के लिए कहा कि मैं भी जींस-टी शर्ट पहनकर निकलूंगा, तो तुम्हारे जैसी लड़कियां मेरे साथ घूमने निकल जाएंगी। आजकल इस तरह की बाजारू लड़कियों का कोई चरित्र नहीं बचा है। और ये रुपए लेने की नीयत से झूठे केस दर्ज कराती हैं। इस तरह के शब्द सुनकर कोर्ट में मौजूद आरोपी के वकील सहित सभी लोग ठहाके मारकर हंस रहे थे। मुझे न्याय नहीं दिलवा सकते तो इच्छा मृत्यु की अनुमति प्रदान करें।''
25 जुलाई को कोर्ट में ये बयान हुए थे
रेप पीड़िता ने शिकायत में आरोप लगाते हुए कहा कि उसने अशरफ मंसूरी और अन्य के खिलाफ जूनी इंदौर थाने में एससी-एसटी एक्ट, रेप और लव जिहाद की शिकायत दर्ज कराई थी। इस केस में इंदौर जिला कोर्ट में 25 जुलाई को मेरे बयान का प्रति परीक्षण होना था।
संबंधित जज ने आरोपी अशरफ अंसारी के वकील को रोकते हुए कहा कि इस तरह की लड़कियों का प्रति परीक्षण तो मैं स्वयं ही करता हूं। प्रति परीक्षण से पहले कोर्ट रूम के बंद दरवाजे खुलवा दिए। प्रति परीक्षण शुरू होते ही जज ने पूछा कि एक गाड़ी में कैसे रेप हो सकता है? रेप के बाद तुम्हें रुपए मिल गए थे? मैंने अपने वकील के माध्यम से इस पर आपत्ति ली तो जज ने उन्हें डांटकर चुप करा दिया।
उन्होंने कई लज्जाजनक शब्दों का प्रयोग किया। इस तरह के शब्दों का प्रयोग तो पुलिसवालों ने भी मेरे साथ नहीं किया। इससे मेरे हृदय में न्याय के मंदिर की छवि धूमिल हो गई। मुझे लगा कि इस जीवन का औचित्य ही नहीं बचा।
अभद्र भाषा का उपयोग किया, अश्लील सवाल किए: एडवोकेट
महिला के वकील प्रशांत वर्मा ने बताया 25 जुलाई को मामले में न्यायाधीश ने पीड़िता से प्रति परीक्षण किया था। इस दौरान पीड़िता के साथ अभद्र भाषा का उपयोग किया और अश्लील सवाल किए। स्त्री लज्जा का ध्यान नहीं रखा। पीड़िता की ओर से इस संबंध में राष्ट्रपति, जीफ जस्टिस ऑफ इंडिया, राष्ट्रीय महिला आयोग सहित अन्य जगह शिकायत की गई है। न्याय नहीं मिल सकता है तो पीड़िता ने इच्छा मृत्यु की अनुमति मांगी है।
अब जान लीजिए पीड़िता का शोषण कैसे हुआ
23 वर्षीय युवती की 2019 में हेलो एप के माध्यम से आरोपी अशरफ मंसूरी (24) से दोस्ती हुई। आरोपी ने अपना नाम आशु बताया और कहा कि वो हिंदू है। बाद में युवक की असलियत सामने आ गई।
इस बीच आरोपी ने शादी का झांसा देकर पीड़िता के साथ कई बार शारीरिक संबंध बनाए। उस पर धर्म परिवर्तन करने के लिए दबाव बनाया। आरोपी ने जब शादी करने से मना कर दिया तो पीड़िता 12 दिसंबर 2023 को जूनी इंदौर थाने पहुंची।
पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी युवक के खिलाफ धारा 376, 354, एससी-एसटी एक्ट और मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत केस दर्ज कर लिया। मामले में इंदौर जिला कोर्ट में सुनवाई चल रही है। आरोपी युवक जेल में है।