भोपाल । राजधानी में गांधी मेडिकल कालेज से संबद्ध हमीदिया और सुल्तानिया अस्पताल के डाक्टरों ने साल भर में चौथी बार बेमियादी हड़ताल शुरू की है। इस बार उन्होंने नीट-पीजी काउंसलिंग मे देरी होने के चलते हड़ताल की है। उनका कहना है कि काउंसलिंग में देरी होने की वजह से एमडी-एमएस के प्रथम वर्ष के छात्र इस साल अभी तक नहीं आए हैं, जो हर साल एक जून को आ जाते हैं।
ऐसे में लगभग एक तिहाई जूनियर डाक्टर नहीं होने से द्वितीय और तृतीय वर्ष के जूनियर डाक्टरों पर काम का दबाव ज्यादा है। फिलहाल उन्होंने ओपीडी ओर आपरेशन थियेटर में काम का बहिष्कार किया है। उनका कहना है कि मांग नहीं मानी गई तो इमरजेंसी सेवाएं भी बंद कर देंगे। इससे मरीजों की परेशानी बढ़ेगी। बता दें कि इसी मांग को लेकर 29 नवंबर को जीएमसी के जूनियर डाक्टर एक दिन के लिए आंदोलन कर चुके हैं। तब से वह काली पट्टी बांधकर काम कर रहे थे।
बता दें कि नीट पीजी की परीक्षा हर साल जनवरी में होती है। काउंसलिंग के बाद जून से बैच शुरू हो जाता है। इस साल पहले तो परीक्षा में देरी हुई। सुप्रीम कोर्ट में आरक्षण का मुद्दा पहुंचने के कारण अब काउंसलिंग में देरी हो रही है। मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन होने के बाद भी जूडा हड़ताल कर रहा है। इसके पीछे उनका तर्क है सरकार सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष जल्दी रखकर मामले के जल्द निपटारे की कोशिश कर सकती है। जूडा की दूसरी मांग है कि जब तक पहला बैच नहीं आ जाता, तब तक के लिए जूनियर रेजीडेंट्स को पहले बैच की जगह पदस्थ किया जाए।