नई दिल्ली । वैश्विक स्वास्थ्य निगरानी की शीर्ष संस्था विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने अमेरिकी दवा कंपनी नोवावैक्स से लाइसेंस के तहत सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) द्वारा बनाई गए कोविड-रोधी टीके ‘कोवोवैक्स’ को आपातकालीन उपयोग सूची में शामिल कर लिया है। इस तरह वैश्विक स्वास्थ्य निकाय द्वारा मान्यता प्राप्त टीकों की संख्या में इजाफा हुआ है। एसआईआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) आदर पूनावाला ने डब्ल्यूएचओ के फैसले को कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में ‘एक और मील का पत्थर’ बताया। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने शुक्रवार को एक ट्वीट में कहा, ‘डब्ल्यूएचओ ने आपातकालीन उपयोग सूची में कोवोवैक्स को शामिल किया है। इससे कोविड-19 के खिलाफ डब्ल्यूएचओ के मान्य टीकों की संख्या बढ़ी है। इस टीके का निर्माण सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा नोवावैक्स से लाइसेंस के तहत किया जाता है।’
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, कोवोवैक्स का मूल्यांकन उसकी आपातकालीन उपयोग सूची प्रक्रिया के तहत गुणवत्ता, सुरक्षा और प्रभावकारिता, जोखिम प्रबंधन योजना और भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) द्वारा टीका निर्माण स्थल पर किए गए निरीक्षण संबंधी डेटा की समीक्षा के आधार पर किया गया। एक संयुक्त बयान में अमेरिकी दवा कंपनी नोवावैक्स और एसआईआई ने उल्लेख किया कि सार्स-कोव-2 के कारण होने वाले कोरोना वायरस बीमारी की रोकथाम के लिए 18 वर्ष और उससे अधिक उम्र के व्यक्तियों के टीकाकरण के लिए टीके को मंजूरी मिली है। नोवावैक्स द्वारा ब्रांड नाम ‘नुवाक्सोविड’ के तहत टीके के विपणन के लिए आपात उपयोग सूची में शामिल करने के आवेदन की डब्ल्यूएचओ द्वारा समीक्षा भी की जा रही है। नोवावैक्स के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी स्टेनली सी एर्क ने कहा, ‘डब्ल्यूएचओ का आज का निर्णय दुनिया भर के करोड़ों लोगों के लिए प्रोटीन-आधारित कोविड-19 रोधी टीके की वैश्विक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है।’
पूनावाला ने ट्वीट किया, ‘यह कोविड-19 के खिलाफ हमारी लड़ाई में एक और मील का पत्थर है, कोवोवैक्स को अब डब्ल्यूएचओ द्वारा आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी दी गई है। इस टीके ने उत्कृष्ट सुरक्षा और असर दिखाया है। एक महान सहयोग के लिए आप सभी का धन्यवाद।’ एसआईआई दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका के साथ तालमेल से पहले से ‘कोविशील्ड’ टीके का निर्माण कर रहा है। इस हफ्ते की शुरुआत में, पूनावाला ने कहा था कि एसआईआई ने अगले छह महीनों में कोवोवैक्स की शुरुआत करने की योजना बनाई है। उन्होंने कहा था कि ‘कोवोवैक्स’ तीन साल से कम उम्र के बच्चों को सुरक्षा प्रदान करेगा, क्योंकि परीक्षणों के दौरान शानदार आंकड़े आए हैं। कोवोवैक्स को अभी भी भारत के दवा नियामक डीसीजीआई से आपातकालीन उपयोग की अनुमति की प्रतीक्षा है।