स्वसहायता समूह की महिलाओं की उपलब्धि को देखते हुए सरकार चार और मार्गों पर टोल वसूली की जिम्मेदारी उन्हें सौंपने जा रही है। समूह की महिलाओं को टोल से प्राप्त राजस्व की 30 प्रतिशत राशि कमीशन के रूप दी जाती है, वहीं 70 प्रतिशत राजस्व राजमार्ग निधि में जमा किया जाता है, जिससे सड़कों का उन्नयन और रख-रखाव किया जा सके।
इससे स्वसहायता समूह की महिलाएं आर्थिक रूप से समृद्ध और संपन्न हो रही हैं। एक साल से पायलट प्रोजेक्ट के रूप में तीन सड़क मार्ग मलहेरा -चांदला, शाजापुर- दोपाड़ा- नलखेड़ा और उज्जैन-मक्सी सड़क पर टोल वसूली स्वसहायता समूह की महिलाएं कर रही हैं।
इन टोल नाकों पर केवल महिला स्टाफ तैनात है। इनकी सुरक्षा के लिए भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। इसमें एक खास बात और सामने आई कि टोल पर महिलाओं की तैनाती के कारण लड़ाई-झगड़े बंद हो गए हैं।
जिन मार्गों पर वार्षिक अनुमानित संग्रह (एपीसी) दो करोड़ से कम होता है वहां उपभोक्ता शुल्क संग्रहण (टोल टैक्स वसूली) का काम स्वसहायता समूह की महिलाओं जिला प्रशासन के अनुमोदन पर दिया जाता है। निगम द्वारा टोल प्लाजा की भौतिक अधोसंरचना जैसे केनोपी, फास्टैग सुविधा, शौचालय बनाकर दिया जाता है। शिवराज सरकार में पिछले वर्ष यह प्रयोग किया गया था। अब चार अन्य मार्गों पर मोहन सरकार स्वसहायता समूह की महिलाओं को टोल टैक्स वसूली का काम देगी।