लातूर । देश भले ही 21 सदी में पहुंचने का दावा करता हो पर दलित सवर्ण की विभाजक रेखा अभी भी बरकरार है। ताजा मामला महाराष्ट्र के लातूर का है यहां मंदिर में दलितों के प्रवेश को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। घटना के बाद ग्रामीणों ने दलित समुदाय के बहिष्कार का ऐलान किया है। हालांकि, पुलिस का दावा है कि बैठक कर विवाद को सुलझा लिया गया है।
मीडिया रिपोर्ट मुताबिक सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि यह विवाद 3 दिन पहले 2 दलित युवाओं के मंदिर में घुसने को लेकर शुरू हुआ। जानकारी के मुताबिक दोनों दलित युवक लातूर की निलंगा तहसील के ताडमुगली गांव के रहने वाले हैं। दोनों ही पूजा करने गांव के हनुमान मंदिर में दाखिल हुए थे। उन्होंने इस दौरान मंदिर में नारियल भी फोड़ा। इस बात से गांव के दूसरे युवक नाराज हो गए। उन्होंने दलित युवकों के मंदिर में घुसने पर सवाल उठाए। मामला बढ़ने के बाद गांव के लोगों ने पूरे दलित समुदाय का बहिष्कार करने का फैसला किया।
इस घटना के बाद गांव के ही एक आटा चक्की मालिक का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। वायरल वीडियो में चक्की मालिक दलित परिवार का गेहूं पीसने से इनकार करता नजर आ रहा है। वीडियो में चक्की मालिक को कहते हुए सुना गया कि अगर वह ग्रामीणों के फैसले के खिलाफ जाता है तो उसे इसका गंभीर परिणाम भुगतना पड़ेगा और दलित परिवार से मिले 10 रुपए के बदले 40 हजार रुपए का जुर्माना भरना पड़ेगा। इलाके के डीएसपी दिनेश कुमार कोल्हे का कहना है कि दोनों पक्षों को बुलाकर बैठक की गई, जिसमें विवाद खत्म हो गया। हालांकि, उन्होंने मंदिर में एंट्री को विवाद का कारण मानने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि युवकों के बीच किसी गलतफहमी को लेकर विवाद हो गया था। गलती करने वाले युवकों ने समिति की बैठक में माफी मांग ली है।