मुंबई । महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण की रफ्तार लगातार तेज हो रही है। वायरस के बढ़ते मामलों में यहां अब भी लोग डेल्टा वेरिएंट हावी है। ओमिक्रोन वेरिएंट के डर के बीच महाराष्ट्र के स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जीनोम सीक्वेंसिंग से पता चला है कि अब भी लोग सबसे अधिक डेल्टा वेरिएंट से संक्रमित हो रहे हैं। गौरतलब है कि कोरोना वायरस के इस वेरिएंट ने पिछले साल अप्रैल-मई में सबसे अधिक तबाही मचाई थी। स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ।
प्रदीप व्यास ने बुधवार को अपने सहयोगियों को लिखे पत्र में कहा कि 4200 से अधिक सैंपल का विश्लेषण किया गया जिनमें से 68 प्रतिशत डेल्टा वेरिएंट से संक्रमित मिले जबकि 32 प्रतिशत मरीज ओमिक्रोन से संक्रमित पाए गए। ओमिक्रोन वेरिएंट का सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में नवंबर 2021 में पता लगाया गया और यह भारत में दिसंबर के पहले हफ्ते से फैलना शुरू हुआ था। महाराष्ट्र में शुक्रवार रात तक ओमीक्रोन के 1,605 मामलों की पुष्टि हो चुकी थी जबकि राज्य में अब तक कोविड-19 से 71,24,278 लोग संक्रमित हो चुके हैं।
डॉ। व्यास ने पत्र में लिखा, 'पिछले साल एक नवंबर से अब तक 4,265 मरीजों के नमूनों को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा गया है। इनमें से 4,201 नमूनों की रिपोर्ट जारी की गई है।
इससे पता चलता है कि 1,367 नमूनों या 32 प्रतिशत में ओमिक्रोन वेरिएंट पाया गया जबकि बाकी 68 प्रतिशत नमूनों में डेल्टा वेरिएंट पाया गया।' स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि बुधवार (12 जनवरी) तक राज्य में 2,40,133 मरीज उपचाराधीन थे जिनमें से 90 प्रतिशत मरीज या तो घर पर आइसोलेशन में हैं या कोविड केयर सेंटर में हैं।
यह भी एक तथ्य है कि मौजूदा समय में मामले मुख्य तौर पर शहरों और मुंबई, ठाणे, रायगढ़, पालघर, पुणे और नागपुर जैसे इलाके में बढ़ रहे हैं, जहां पर कोविड-19 रोधी टीका लगवाने वालों का प्रतिशत बेहतर है। डॉ। व्यास ने अपने सहयोगियों से कहा कि मौजूदा समय में आ रहे संक्रमण के मामलों से निपटने के दौरान इन अवलोकनों को ध्यान में रखा जाना चाहिए।