आम आदमी पार्टी (AAP) की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने शुक्रवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लेकर अपनी निराशा जाहिर की। मालीवाल ने न्यूज एजेंसी ANI से कहा कि केजरीवाल आज तक न तो मुझे फोन किया, न ही मुझसे मिलने आए और न ही उन्होंने मेरी कहीं कोई मदद की। पूरी पार्टी इस समय बिभव कुमार के साथ खड़ी है। ऐसे में मैं बहुत दुखी हूं, क्योंकि हर मुद्दे पर अपनी राय रखने वाले केजरीवाल ने मेरे मुद्दे पर मेरा साथ देना, मेरे लिए स्टैंड लेना या मेरे मुद्दे पर बात करना जरूरी नहीं समझा।
उन्होंने आगे कहा कि केजरीवाल की ड्राइंग रूम में उन्हें पीटा गया, लेकिन वो बचाने नहीं आए। बल्कि कोई भी बचाने नहीं आया। मालीवाल ने यह भी कहा कि कोर्ट के बाहर उन्हें गलत तरीके से दोषी ठहराने की कोशिश की गई।
केजरीवाल के PA पर स्वाति से मारपीट का आरोप
राज्यसभा सांसद मालीवाल ने आरोप लगाया है कि 13 मई को केजरीवाल के PA बिभव कुमार ने उनके साथ मारपीट की है। पुलिस ने मामले में 16 मई को FIR दर्ज की थी। 18 मई को बिभव कुमार को अरेस्ट कर लिया गया। फिलहाल वो पुलिस कस्टडी में हैं।
घटना के अगले दिन 14 मई को AAP नेता संजय सिंह ने कबूल किया था कि मुख्यमंत्री आवास पर स्वाति मालीवाल के साथ अभद्रता हुई। संजय सिंह ने कहा, ‘इस पूरी घटना पर दिल्ली के सीएम ने संज्ञान लिया है। वे इस मामले में सख्त कार्रवाई करेंगे। जहां तक स्वाति मालीवाल जी का सवाल है, उन्होंने देश और समाज के लिए बहुत काम किया है। वे सीनियर और पुराने नेताओं में से एक हैं। हम उनके साथ हैं।’
बिभव सरकारी कर्मचारी के साथ मारपीट के मामले में बर्खास्त हुए
मार्च 2024 में बिभव को CM के पर्सनल सेक्रेटरी के पद से बर्खास्त कर दिया गया था। स्पेशल सेक्रेटरी विजिलेंस वाईवीवीजे राजशेखर ने आदेश जारी कर कहा था कि बिभव की सेवाएं तत्काल प्रभाव से खत्म कर दी गई हैं। उनकी नियुक्ति के लिए निर्धारित प्रक्रिया और नियमों का पालन नहीं किया गया। इसलिए ये नियुक्ति अवैध और शून्य करार दी जाती है। राजशेखर ने ये आदेश 2007 के एक मामले के आधार पर दिया।
दरअसल, 2007 में बिभव पर एक सरकारी अधिकारी के साथ कथित तौर पर मारपीट का आरोप लगा था। नोएडा विकास प्राधिकरण में तैनात महेश पाल ने बिभव पर आरोप लगाया था कि उन्होंने अपने तीन साथियों के साथ मिलकर शिकायतकर्ता (एक पब्लिक सर्वेंट) को उसकी ड्यूटी करने से रोका, उसे गाली और धमकी दी। महेश ने 25 जनवरी 2007 को नोएडा सेक्टर-20 के पुलिस थाने में इसकी शिकायत दर्ज करवाई थी। इस मामले में दिल्ली के उपराज्यपाल की ओर से भी एक्शन लिया गया था।