प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कन्याकुमारी के रॉक मेमोरियल पर ध्यान लगाने की खबर सामने आने के बाद विपक्ष हमलावर हो गया है। राज्यसभा सांसद और पूर्व कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि अगर पीएम वहां प्रायश्चित करने जा रहे हैं, तो अच्छा है क्योंकि जिस इंसान को विवेक का अर्थ ही नहीं पता, वह क्या ध्यान लगाएगा।
वहीं TMC सुप्रीमो और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि अगर नरेंद्र मोदी के इस ध्यान को टेलिविजन पर दिखाया गया तो उनकी पार्टी इलेक्शन कमीशन में शिकायत दर्ज कराएगी। ममता का कहना है कि ध्यान का टेलिकास्ट करने से आचार संहिता का उल्लंघन होगा। उधर, मोदी के 'ध्यान' के खिलाफ कांग्रेस चुनाव आयोग पहुंची। मोदी के इस कदम को आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) का उल्लंघन बताया।
पीएम मोदी का 30 मई की शाम तक तमिलनाडु के कन्याकुमारी पहुंचने का कार्यक्रम है। न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक वे विवेकानंद रॉक मेमोरियल पर 48 घंटे (30 मई की रात से 1 जून की शाम तक) ध्यान लगाएंगे। मोदी 2019 में आखिरी फेज की वोटिंग से पहले केदारनाथ गए थे। वहां बनी रुद्र गुफा में 17 घंटे ध्यान लगाया था।
लोकसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण में 57 लोकसभा सीटों के लिए 1 जून को मतदान होना है। इन सीटों के लिए चुनाव प्रचार 30 मई की शाम 5 बजे थम जाएगा।
ममता बोलीं- ध्यान के समय कैमरा ले जाना जरूरी है क्या
ममता ने कहा कि मोदी ध्यान लगा सकते हैं, लेकिन टेलिविजन पर उसे दिखाया नहीं जा सकता है। हम इसकी शिकायत करेंगे। क्या किसी को ध्यान करने के लिए कैमरा ले जाने की जरूरत होती है। कैंपेन का समय खत्म होने और चुनाव की तारीख के बीच यह कैंपेन करने का ही एक तरीका है।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने दिल्ली में चुनाव आयोग के कार्यालय में अधिकारियों से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने मीडिया से कहा, 'हमने चुनाव आयोग से कहा है कि चुनाव प्रचार के खत्म होने से मतदान शुरू होने के बीच 48 घंटे के साइलेंट पीरिएड के दौरान किसी को भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रचार करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।'
तमिलनाडु कांग्रेस के अध्यक्ष सेल्वापेरुन्थगई ने कहा कि प्रधानमंत्री को कन्याकुमारी में ध्यान लगाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। चुनाव आयोग को एक्शन लेना चाहिए।
पर्यटकों के लिए तीन दिन बंद रहेगा विवेकानंद स्मारक
मंगलवार को मोदी के दौरे की सूचना के बाद कन्याकुमारी पुलिस ने विवेकानंद रॉक पर सुरक्षा घेरा बनाया है। एसपीजी टीम 29 मई को दोपहर 12 बजे तक पहुंचेगी। हर दिन करीब 1 हजार पर्यटक विवेकानंद स्मारक पहुंचते हैं, लेकिन 29 मई से 1 जून शाम तक स्मारक पर्यटकों के लिए बंद रहेगा।
पीएम मोदी पंजाब के होशियारपुर में मौजूदा अभियान की आखिरी चुनावी सभा कर सीधे तमिलनाडु के कन्याकुमारी निकल जाएंगे। यहां से वे समुद्र तट से 500 मी. भीतर स्थित विवेकानंद रॉक पर पहुंचेंगे और ध्यान करेंगे। पीएम ध्यान के दौरान कुछ देर आराम करेंगे या नहीं, स्थानीय प्रशासन ने अभी यह स्पष्ट नहीं किया है।
विवेकानंद रॉक के बारे में जानिए...
विवेकानंद रॉक तमिलनाडु के कन्याकुमारी में समुद्र में स्थित एक स्मारक है। यह एक फेमस टूरिस्ट स्पॉट है। यह जमीन तट से करीब 500 मीटर अंदर समुद्र में दो चट्टानों के ऊपर बना है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह रहे एकनाथ रानडे ने विवेकानंद शिला पर विवेकानंद स्मारक मंदिर बनाने में अहम भूमिका निभाई।
2 सितंबर 1970 को भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. वीवी गिरि ने स्मारक का उद्घाटन किया। उद्घाटन समारोह 2 महीने तक चला। इसमें तत्कालीन PM इंदिरा गांधी भी शामिल हुई थीं।
अप्रैल में पड़ने वाली चैत्र पूर्णिमा पर यहां चन्द्रमा और सूर्य दोनों एक साथ एक ही क्षितिज पर आमने-सामने दिखाई देते हैं। इस स्मारक का प्रवेश द्वार अजंता और एलोरा गुफा मन्दिरों के समान है, जबकि इसका मण्डपम बेलूर (कर्नाटक) के श्री रामकृष्ण मन्दिर के समान है।
पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने भी 22 सितंबर 2006 को यहां दो घंटे ध्यान किया था।
स्वामी विवेकानंद ने यहां ध्यान किया
कहा जाता है कि 1893 में विश्व धर्म सभा में शामिल होने से पहले दिसंबर 1892 में विवेकानंद तमिलनाडु के कन्याकुमारी गए थे। यहां समुद्र में 500 मीटर दूर पानी के बीच में उन्हें एक विशाल शिला दिखी, जहां तक वे तैरकर पहुंचे और ध्यानमग्न हो गए। वे 25, 26 और 27 दिसंबर को लगातार तीन दिन ध्यान में रहे। यहीं उन्हें भारत माता की दिव्य अवधारणा की अनुभूति हुई थी।